केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बृहस्पतिवार को राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सांसद आईयूएमएल को लेकर ‘‘शर्मिंदा’’ हैं और इसलिए इस पर्वतीय जिले में उनके रोडशो के दौरान उनके सहयोगी दल के झंडे दिखाई नहीं दिए। गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में भाजपा के लिए प्रचार कर रहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि अगर वह इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) को लेकर शर्मिंदा हैं तो उन्हें उनका समर्थन नकार देना चाहिए।
ईरानी ने 2019 के आम चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी में हराया था। उन्होंने गांधी पर केरल में वाम मोर्चे के कथित कुशासन के संबंध में चुप रहने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “केरल में सहकारी बैंकों में घोटाले, राज्य निधि का कुप्रबंधन, इन मुद्दों पर राहुल गांधी की चुप्पी, विशेष रूप से ‘इंडी’ गठबंधन में सहयोगी वाम मोर्चे का कुशासन बहुत कुछ कहता है। राहुल गांधी सुशासन के बजाय सत्ता चाहते हैं।”
वायनाड लोकसभा सीट से भाजपा की राज्य प्रमुख के. सुरेंद्रन के नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ईरानी ने यह भी कहा कि उन्हें हैरानी है कि कांग्रेस नेता ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का समर्थन कथित तौर पर स्वीकार कर लिया है जो प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘उनका (एसडीपीआई) समर्थन स्वीकार करके उन्होंने (राहुल गांधी) नामांकन दाखिल करने के दौरान ली गई संविधान की शपथ का भी उल्लंघन किया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी जब दक्षिण भारत में राजनीति करते हैं तो सनातन धर्म के खिलाफ शत्रुता पैदा करते हैं । ईरानी ने सवाल किया कि वह चुनाव प्रचार के दौरान उत्तर भारत के हर बड़े मंदिर में क्यों जाते हैं?
उन्होंने यह भी पूछा कि ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है और क्या राहुल गांधी उस पद के लिए स्वीकार्य पसंद हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘तो यह ऐसा गठबंधन है जिसका कोई ‘नेता’ नहीं है, कोई ‘नीति’ नहीं है और उसकी ‘नीयत’ लूटने की है जिसे भारत का प्रत्येक नागरिक जानता है।’’
ईरानी ने यह भी दावा किया कि ‘इंडिया’ गठबंधन ‘‘बिखरा हुआ’’ है क्योंकि सहयोगी दल कांग्रेस और वाम मोर्चा वायनाड लोकसभा क्षेत्र तथा पूरे राज्य में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं।