उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की जमानत याचिका का विरोध किया और उन्हें जमीन हथियाने वाला और आदतन अपराधी करार दिया।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि उन्होंने जमीन हथियाने के मामले में जांच अधिकारी को कथित तौर पर धमकी दी है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि वह जमीन हथियाने वाला है। उसके खिलाफ निजी शिकायतें दर्ज की गई हैं...वह आदतन अपराधी है। इस व्यक्ति द्वारा सब कुछ जाली है।
एएसजी ने आगे कहा कि खान अंतरिम जमानत की मांग कर रहे हैं जिसे मंजूर नहीं किया जा सकता।
वहीं, शीर्ष अदालत ने एएसजी से कहा कि राज्य सरकार उन्हें एक मामले में जमानत नहीं दे सकती और दूसरे मामले में उन्हें जेल में नहीं डाल सकती है। खान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि चूंकि उनका मुवक्किल दो साल से जेल में है, तो वह किसी को कैसे धमकी दे सकता है।
सिब्बल ने तर्क दिया कि राज्य सरकार खुद को "बर्बर तरीके" से संचालित नहीं कर सकती है। शीर्ष अदालत ने पक्षों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। अदालत ने पहले राज्य सरकार से मामले में अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। शीर्ष अदालत ने इससे पहले खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि यह न्याय का मजाक है।