पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार को एक मालगाड़ी के कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन से टकरा जाने से बड़ा हादसा हो गया, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई है और 60 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इस दुर्घटना के बाद विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई हैं।
कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "कांग्रेस पार्टी की ओर से हम अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। हम सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। पिछले 10 वर्षों में रेल दुर्घटनाओं में वृद्धि केंद्र सरकार की रेलवे के प्रति कुप्रबंधन और लापरवाही का परिणाम है। जिसके कारण हर दिन यात्रियों की जान जा रही है। एक जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर हम इस लापरवाही पर सवाल उठाते रहेंगे और संसद में भी सरकार से जवाब मांगेंगे। इसके साथ ही जैसा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने अपने बयानों में हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे राहत कार्यों में यथासंभव योगदान सुनिश्चित करें..."
गौरतलब है कि ददुर्घटना स्थल पर एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें मौजूद हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना स्थल का दौरा करने के लिए दार्जिलिंग रवाना हो गए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए अनुग्रह राशि की घोषणा भी कर दी है। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा इलाके में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 19 ट्रेनें रद्द कर दी गईं।
हालांकि, पश्चिम बंगाल ट्रेन दुर्घटना पर पूर्वी रेलवे के मुख्य पीआरओ कौशिक मित्रा का कहना है, "रेलवे पीआरओ के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 8 है। एक विशेष ट्रेन 12:40 बजे वहां (दुर्घटना स्थल) से सियालदह के लिए रवाना हुई। अधिकांश यात्री मालदा और बोलपुर के हैं। ज्यादातर यात्री सुरक्षित हैं।'' पीएमओ ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि पश्चिम बंगाल में हुई रेल दुर्घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे।"
दूसरी तरफ दीपेंद्र हुड्डा ने ये भी कहा कि पिछले कई दिनों से अग्निवीर स्कीम को लेकर खबरें प्रकाशित हो रही है। इसमें आर्मी के इंटरनल सर्वे का हवाला दिया जा रहा है कि सर्वे में कई खामियां निकलकर आई है। सर्वें में कई बदलावों के जरूरतों के भी संकेत दिए गए हैं। हालांकि हमारा मानना है कि सरकार को इस स्कीम को पूरी तरह से वापस लेना चाहिए और पुरानी योजना लागू करना चाहिए।