राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की 26वीं स्थापना दिवस समारोह में उस वक्त राजनीति गरमा गई जब पार्टी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दूसरी बार अपने पद से इस्तीफा देने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि अब नए लोगों को पार्टी का नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए। पाटिल के इस बयान के बाद पार्टी में काफी हलचल मच गई है। कार्यकर्ताओं को यह शक है कि वह जल्द ही एनसीपी से अपना रास्ता अलग कर सकते हैं। इन अफवाहों को तब और बल मिला जब पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने यह कहा कि अब मैं नए लोगों की तलाश में हूं।
पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए सूचना में पवार ने न पाटिल का नाम लिया और न ही उनकी नेतृत्व क्षमता की तारीफ की। उन्होंने कहा, "मैं पार्टी के बड़े नेताओं से मिलूंगा और इस मुद्दे पर बातचीत करूंगा। सभी फैसले सर्वसम्मति और सामूहिक रूप से लिए जाएंगे। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर जिले और तालुका में एक नया चेहरा पार्टी का नेतृत्व करे। हम राज्य भर में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की एक नई पीढ़ी तैयार करने के लिए काम करेंगे।"
शरद पवार के इस बयान से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर पाटिल अपने पद से इस्तीफा देते हैं तो पार्टी से बाहर भी जा सकते हैं। एनसीपी नेताओं का मानना है कि भाजपा का दरवाजा उनके लिए खुला हुआ है। इस बात का सबूत यह है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस कई बार उनकी तारीफ करते दिखे हैं। भाजपा नहीं तो जूनियर पवार की एनसीपी उन्हें हाथों-हाथ स्वीकार कर लेगी।
हालांकि, एनसीपी के ही एक बड़े नेता और शरद पवार के करीबी अंकुश काकडे का कहना है कि पार्टी में नेतृत्व को लेकर फिलहाल कोई चिंता नहीं है और पाटिल आने वाले चुनाव तक अपने पद पर बने रहेंगे।