महाराष्ट्र में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद मुश्किलों में फंसते दिख रहे हैं। ऐसी अटकलें हैं कि मुख्यमंत्री के खिलाफ टिप्पणी को लेकर राणे को गिरफ्तार किया जा सकता है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि नासिक पुलिस की एक टीम कोंकण क्षेत्र के चिपलून के लिए रवाना हो गई है, जहां राणे इस समय मौजूद हैं। केंद्रीय मंत्री के खिलाफ शिकायत के बाद इन घटनाक्रमों पर पुलिस की ओर से अभी कोई जानकारी नहीं आई है।
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के ख़िलाफ़ पुणे के चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन में युवा सेना की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए नारायण राणे के ख़िलाफ आईपीसी की धारा 153 और 505 के तहत एफआईआर दर्ज़ की गई है।
दरअसल राणे ने सोमवार को रायगढ़ जिले से सटे अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कहा था कि यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को आजादी का साल नहीं पता। अपने भाषण के दौरान आजादी के वर्ष जानने के लिए उन्हें अपने सहयोगियों की ओर झुकना पड़ा। मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार तमाचा मार देता। बता दें कि उद्धव ठाकरे अपने 15 अगस्त के भाषण में अटक गए थे। राणे ने उसी वाक्ये से जोड़ते हुए यह बयान दिया था।
बताया जा रहा है कि मुंबई में दो दिन की तिरंगा यात्रा में उनके खिलाफ 36 एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहले दिन 19 और दूसरे दिन 17 एफआईआर दर्ज की गई।
राणे की टिप्पणी पर शिवसेना के रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग के सांसद विनायक राउत ने कहा कि राणे ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। राउत ने कहा “भाजपा नेतृत्व को प्रभावित करने के लिए, राणे शिवसेना और उसके नेताओं पर हमला कर रहे हैं। मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रालय में शामिल होने के बाद उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया। मोदी को उन्हें दरवाजा दिखाना चाहिए।”
महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे मुख्यमंत्री के प्रति जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वो कान के नीचे थप्पड़ मारने की बात कर रहे हैं। ये पूरे महाराष्ट्र का अपमान है। क़ानून से बड़ा कोई नहीं और निश्चित रूप से क़ानूनी कार्रवाई होगी।
राणे ने 1960 के दशक के अंत में बाल ठाकरे के नेतृत्व वाली मिट्टी के पुत्र पार्टी के साथ मुंबई में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने 1990 में शिवसेना विधायक के रूप में महाराष्ट्र विधानसभा में प्रवेश किया था।