मीडिया विश्वसनीयता का संकट शीर्षक वाले संपादकीय में ऑर्गेनाइजर ने 1920 के दशक में महात्मा गांधी की इस टिप्पणी का जिक्र किया है कि मीडिया की बेलगाम कलम विध्वंस की ओर ले जाती है। संपादकीय में लिखा गया, ये आरोप, कि करीब 20 पत्रकारों को अगस्ता वेस्टलैंड की ओर से मैनेज किया गया था ताकि वे हेलीकॉप्टर करार के मुद्दे पर उसके पक्ष में रिपोर्टिंग करें, भारत के मीडिया उद्योग में आई बहुत ज्यादा गिरावट को सामने लेकर आया है। गौरतलब है कि अंग्रेजी में ऑर्गेनाइजर और हिंदी में पांचजन्य आरएसएस के मुखपत्र माने जाते हैं और इनमें छपी खबरों को संघ की आधिकारिक लाइन माना जाता है।