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वायनाड में पुनर्वास कार्य में केंद्र से कोई मदद नहीं मिली: एलडीएफ प्रत्याशी सत्यन मोकेरी

वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार करते हुए वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के उम्मीदवार...
वायनाड में पुनर्वास कार्य में केंद्र से कोई मदद नहीं मिली: एलडीएफ प्रत्याशी सत्यन मोकेरी

वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार करते हुए वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर इस पर्वतीय जिले में भूस्खलन से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए कोई मदद उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया।

इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी वाड्रा और भाजपा की नव्या हरिदास के खिलाफ चुनाव लड़ रहे मोकेरी ने कहा कि पुनर्वास कार्य के लिए मदद उपलब्ध कराने पर केंद्र सरकार का ‘‘नकारात्मक रुख’’ रहा है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता ने अब किराये के आवास में रह रहे भूस्खलन के कई पीड़ितों से मुलाकात की और कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार द्वारा किया जा रहा पुनर्वास कार्य पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श है। उन्होंने 30 जुलाई को वायनाड के तीन गांवों में विनाशकारी भूस्खलन में अपने माता-पिता और बहन समेत परिवार के नौ सदस्यों को गंवाने वाली 24 वर्षीय श्रुति से भी मुलाकात की।

मोकेरी ने 2014 में वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वह कांग्रेस प्रत्याशी एम आई श्रीनिवास से हार गए थे। माकपा के वरिष्ठ नेता को कृषि क्षेत्र में समस्याओं से निपटने की दिशा में उनके काम के लिए जाना जाता है। उनकी प्रतिद्वंद्वी प्रियंका पहली बार चुनाव लड़ रही हैं और हरिदास ने कोझीकोड नगर निगम में एक दशक तक पार्षद के रूप में काम किया है।

राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। उन्होंने बाद में वायनाड सीट खाली करने का फैसला किया जिसके कारण यहां उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया।

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