नगरकर ने उपन्यास में युवाओं से जुड़े कई मुद्दे उठाए हैं। उन पर पात्रों के माध्यम से अपने तार्किक और प्रासंगिक विचार भी व्यक्त किए हैं। जिसमें रिलेशनशिप में शारीरिक शोषण, हिंसा, समलिंगीय आकर्षण, कॉलेज के गैंग्स की किसी के साथ बदसलूकी और इंटरनेट से प्रभावित होती जिंदगियां। इन सभी मुद्दों को कहानी के साथ पिरो कर पेश किया गया है।
नॉवेल में दो कहानियां एक साथ चलती हैं । एक में गीत और तुशिता की लवस्टोरी है तो दूसरे में गीत, तुशिता और शिबानी की दोस्ती। तुशिता शिबानी की बहन है और रूममेट भी। रुद्र गीत का बॉयफ्रेंड है और विवान तुशिता का। लेखक ने बड़ी खूबसूरती से कॉलेज लाइफ को अपने उपन्यास के माध्यम से दिखाया है। उपन्यास का एक बड़ा हिस्सा गर्ल्स हॉस्टल के एक कमरे में बीतता है जहां तीनों दोस्त गीत, शिबानी और तुशिता आपस में मस्ती करती हैं, रोती हैं, शराब पीती हैं और खुद को पहचानती हैं। हॉस्टल के इस कमरे में ही अपाहिज हो चुकी तुशिता अपनी इच्छाशक्ति से व्हीलचेयर पर दोबारा खड़ी हो जाती है और इसी कमरे में शिबानी खुद को लेस्बियन स्वीकार करती है। हमारे समाज में समलिंगीय संबंधों को सिरे से खारिज कर दिया जाता है। आमतौर पर गे और लेस्बियन को लोग घृणा की दृष्टि से देखते हैं और उनके संबंध को पाप या बेवकूफी समझते हैं। मगर बदलती दुनिया के साथ लेखक ने बदले विचार भी पेश किए हैं।
नगरकर ने उपन्यास में दो प्रेम कहानियों की फसल बोई और उगाई गई है। कहानी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। और इन्हीं के बीच गीत और रुद्र कैसे नकली बॉयफ्रेंड से असली लवर बनते हैं इसे बड़े ही रूमानी अंदाज में बताया गया है। लेखक ने उनके बीच अंतरंग संबंधों को भी काफी खोल कर और कामुक अंदाज में बयां किया है। व्हीलचेयर पर आने के बाद विवान और तुशिता के बीच की प्रेमकहानी काल्पनिक अधिक व्यवहारिक कम लगती है। और एक गर्ल्स हास्टल में एक लड़के को वार्डन बिना रोकटोक आने देता है इस पर भी विश्वास नहीं होता।
किताब - वो स्वाइप करके उतर गयी मेरे दिल में
लेखक- सुदीप नगरकर
प्रकाशक -राजपाल एण्ड संस
कीमत- रु 175