अंग्रेजी हुकूमत की चूलें 1942 में हिलाने वाले इलाके के अमर शहीद छात्रों एवं अन्य क्रांतिवीरों की याद में 23 जनवरी से मैनपुरी के बेवर में ऐतिहासिक शहीद मेले का 45वां आयोजन किया जाएगा।
इस वर्ष साहित्य अकादमी का प्रतिष्ठित पुरस्कार हिन्दी के लिए नासिरा शर्मा, उर्दू के लिए निज़ाम सिद्दीकी, अंग्रेजी के लिए जेरी पिंटो और संस्कृत के लिए सीतानाथ आचार्य शास्त्री सहित 24 भाषाओं के रचनाकारों को देने का आज ऐलान किया गया।
हिमाचल प्रदेश के एक छोटे शहर से बॉलीवुड में अभिनेत्री बनने वाली कंगना रानौत ने कहा है कि शुरुआत में उन्हें बॉलीवुड में बहुत मुश्किल हुयी क्योंकि लोग उन्हें कपड़े पहनने के ढंग और अंग्रेजी नहीं बोलने के कारण शर्मिन्दा करते थे।
असम में सरकार द्वारा संचालित मदरसों को शुक्रवार के दिन और रमजान के महीने के दौरान अपने संस्थानों को बंद रखने की इजाजत नहीं दी जाएगी क्योंकि यह सरकारी नियमों के खिलाफ है। राज्य के शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने यह जानकारी दी। हालांकि शुक्रवार के दिन नमाज पढने के लिए मदरसों में एक घंटे का अवकाश जरूर दिया जाएगा।
नेहरू-गांधी परिवार के शासनकाल के दौरान मौलाना आजाद को भारत रत्न नहीं दिए जाने पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि प्रथम प्रधानमंत्री की जिन नेताओं ने आलोचना की उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया।
कुछ संगठनों द्वारा अंग्रेजी भाषा को पढ़ाई से हटाने की सिफारिश किए जाने पर एक प्रमुख मुस्लिम थिंकटैंक ने आज कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना उचित नहीं रहेगा और अंग्रेजी आधुनिक दौर में विकास की एक प्रमुख धुरी है जिससे आज की पीढ़ी को उपेक्षित नहीं रखा जा सकता।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद स्वयं को स्वतंत्र मान लेने वाली 562 रियासतों का एकीकरण करके सरदार बल्लभाई पटेल ने जो उपलब्धि हासिल की थी वह वैश्विक इतिहास में ऐसी अद्वितीय घटना है जिसके समक्ष बिस्मार्क भी बौने साबित होंगे। यह टिप्पणी सरदार पटेल पर लिखी एक पुस्तक में की गई है।
उत्तर प्रदेश का चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते जा रहा है राजनीति भी अपना गजब रंग दिखाते जा रही है। राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान आने वाली तस्वीर पेश कर रहे हैं। इसी क्रम में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बरेली में कहा है कि जिस दिन दलित-मुस्लिम एक हो जाएंगे, उस दिन हिंदुस्तान पर मुसलमानों की हुकूमत होगी।
आरएसएस से जुड़े संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की मंशा है कि स्कूलों में उच्च शिक्षा तक मातृ भाषा में ही बच्चों को सभी निर्देश दिए जाएं। न्यास ने नई शिक्षा नीति की सिफारिश में इस तरह की इच्छा व्यक्त की है। सिफारिश मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी गई है। संगठन चाहता है कि जल्द लागू होने वाली नई शिक्षा नीति में उसकी सिफारिशों पर गौर करते हुए अंग्रेजी की जगह मातृ भाषा को बढ़ावा जाए।
अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, चाइनीज, जर्मन जैसी हर भाषा के अच्छे ज्ञान का सदैव स्वागत होना चाहिए। लेकिन भारत जैसे देश में अंग्रेजी की अनिवार्यता राजनीतिक मजबूरियों और ब्रिटिश विरासत में मिले बाबुई तंत्र के कारण 70 वर्षों में समाप्त नहीं हो सकी।