दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के आगे होने की वजह से विपक्षी पार्टियों में खलबली मच गई है। अपनी हार से हताश होकर अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने का दौर शुरू गया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम ने बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को भी मंझधार में डाल दिया है। जनता दल यूनाइटेड से निकाले जा चुके मांझी दिल्मुली में करारी मात खा चुकी भाजपा से मुख्यमंत्री बने रहने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
बिहार में सत्ता का संघर्ष और तेज हो गया है। एक तरफ जनता दल यूनाइटेड से निकाले गए मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते तो दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनने का दावा ठोक दिया है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर राज्य की कमान संभालने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद नीतीश ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बगावती रूख अख्तियार कर लिया है। पार्टी के नेतृत्व को नकारते हुए मांझी ने दो टूक कह दिया कि पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार केवल विधायक दल के नेता यानी मुख्यमंत्री को है।
दिल्ली में विधानसभा के चुनाव दो तरह से लड़े जा रहे हैं। एक, सार्वजनिक मंचों और सडक़ों पर तो दूसरा पर्दे के पीछे। बाहर की चुनावी लड़ाई तीनों प्रमुख पार्टियों,उनके चुनावी चेहरों तथा उनके उछाले मुद्दों के बीच है। तीनों चुनावी चेहरे जगजाहिर हैं।
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। मतदाता सूची के सत्यापन के दौरान बनारस, आजमगढ़, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी सहित कई संसदीय सीटों पर लाखों की संख्या में मतदाताओं के दोहरे नाम पाए गए हैं।