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Search Result : "आयकर संशोधन"

जीएसटी पर पश्चिम बंगाल ला सकता है अड़ंगा

जीएसटी पर पश्चिम बंगाल ला सकता है अड़ंगा

जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पर पश्चिम बंगाल के ताजे रुख ने राजनीतिक दांवपेंच फिर शुरू होने की आशंका पैदा कर दी है। राज्य सरकार का यह कदम उसके अपने वित्त मंत्री के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाला है, क्योंकि जीएसटी पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की अध्यक्षता उन्हीं के पास है। वित्त मंत्रियों की समिति का अध्यक्ष होने के नाते वह ऐसे राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे, जिसने खुद यह विधेयक पारित नहीं किया। वैसे पश्चिम बंगाल के इस कदम को केंद्र के साथ सौदेबाजी की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।
जीएसटी विधेयक को अनुमोदित करने वाला पहला राज्य बना असम

जीएसटी विधेयक को अनुमोदित करने वाला पहला राज्य बना असम

असम विधानसभा ने आज वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक को आज सर्वसम्मति से अनुमोदित किया। पूरे देश में एक समान अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के प्रावधान वाले जीएसटी विधेयक को अनुमोदित करने वाला पहला राज्य बन गया है। असम विधानसभा के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने सदन में घोषणा की, मैं, संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित जीएसटी विधेयक को असम विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से अनुमोदित किए जाने की घोषणा करता हूं।
मेटरनिटी लीव 12 की बजाए 26 सप्‍ताह की हुई, कैबिनेट की मंजूरी

मेटरनिटी लीव 12 की बजाए 26 सप्‍ताह की हुई, कैबिनेट की मंजूरी

कैबिनेट ने मातृत्व लाभ अधिनियम में पूर्व में किये गए संशोधनों को मंजूरी दे दी है। संशोधन में महिलाओं के मातृत्व अवकाश मैटरनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया है। कैबिनेट ने इसके साथ ही कारखाना अधिनियम में संशोधनों को भी मंजूरी दे दी, जिसे संसद के चल रहे मानसून सत्र में पहले ही पेश किया जा चुका है।
जीएसटी विधेयक राज्यसभा में पारित, जेटली ने दर नीचे रखने का दिया आश्वासन

जीएसटी विधेयक राज्यसभा में पारित, जेटली ने दर नीचे रखने का दिया आश्वासन

राज्यसभा में बुधवार को बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित हो गया। जीएसटी से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक के पारित हो जाने से देश में नई परोक्ष कर प्रणाली का मार्ग प्रशस्त हो गया।
राज्यसभा में पेश होगा जीएसटी बिल, भाजपा ने जारी किया व्हिप

राज्यसभा में पेश होगा जीएसटी बिल, भाजपा ने जारी किया व्हिप

केंद्र सरकार बुधवार को राज्यसभा में जीएसटी विधेयक पेश कर सकती है। इस के मद्देनजर भाजपा ने एक व्हिप जारी कर अपने सदस्यों को अगले तीन दिन सदन में उपस्थित रहने को कहा है। पार्टी को उम्मीद है कि इस दौरान यह विधेयक पारित करा लिया जाएगा।
भारत के बाल श्रम कानूनों में बदलावों पर यूनीसेफ ने चिंता जताई

भारत के बाल श्रम कानूनों में बदलावों पर यूनीसेफ ने चिंता जताई

यूनीसेफ ने भारत के बाल श्रम कानून में बदलावों पर गंभीर चिंता जताई है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ने कहा कि ये बदलाव बच्चों को पारिवारिक उद्यमों में काम करने की इजाजत देते हैं और जोखिम भरे कामों की सूची कम करते हैं।
काला धन : विदेश में निवेश पर शाहरूख खान को आयकर विभाग का नोटिस

काला धन : विदेश में निवेश पर शाहरूख खान को आयकर विभाग का नोटिस

कालेधन के खिलाफ सरकार की मुहिम में बालीवुड के किंग शाहरूख खान भी फंसते नजर आ रहे हैं। खान को इनकम टैक्‍स विभाग की तरफ से नोटिस दिया गया है। परदेस की कंपनियों पर निवेश के संंबंध में इसमें उनसे जानकारी मांगी गई है। खान से बरमूडा, आईलैंड और दुबई मेंं उनके निवेश के बारे में पूछा गया है।
नेशनल हेराल्ड मामला: दस्तावेजों के लिए नई अर्जी दाखिल करेंगे स्वामी

नेशनल हेराल्ड मामला: दस्तावेजों के लिए नई अर्जी दाखिल करेंगे स्वामी

भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि वह नेशनल हेराल्ड मामले में दस्तावेज समन करने के लिए एक नई अर्जी दाखिल करेंगे। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य लोग आरोपी हैं।
इंडियाबुल्स पर देश भर में छापे, शेयर धड़ाम

इंडियाबुल्स पर देश भर में छापे, शेयर धड़ाम

इंडियाबुल्स ग्रुप पर आयकर विभाग का बड़ा छापा पड़ा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक देशभर में ग्रुप के प्रोमोटरों और दफ्तरों पर आयकर विभाग के छापे पड़ रहे हैं।अलग-अलग जगहों पर जारी छापों में विभाग के करीब 1000 अधिकारी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ग्रुप के प्रोमोटरों के बीच हुए बंटवारे को लेकर गड़बडिय़ां सामने आई हैं। इसी वजह से यह छापे पड़ रहे हैं।
चर्चाः सेवा करने वालों का हिसाब-किताब | आलोक मेहता

चर्चाः सेवा करने वालों का हिसाब-किताब | आलोक मेहता

महान भारत देश में करीब 30 लाख संस्‍‌थाओं ने ‘स्वयंसेवी’ संगठन के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। लेकिन मात्र 10 प्रतिशत संस्‍थाएं ही अपनी आमदनी-खर्च का विवरण आयकर विभाग को देती हैं। सेवा करने वालों को अपने बही-खाते की पारदर्शिता रखने से परहेज क्यों है?
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