भारत ने सोमवार को देश में ही निर्मित जीएसएलवी मार्क-3 को लांच कर इतिहास रच दिया। लेकिन अगर 1980 में सोवियत रूस भारत को इसमें इस्तेमाल होने वाले क्रायोजेनिक इंजन की तकनीक दे देता तो आज यह उपलब्धि इतनी बड़ी न होती।
मैकेंजी कंपनी के पूर्व प्रमुख रजत गुप्ता का मानना है कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग में दबाव में है। इसका कारण यह है कि इस क्षेत्र में तकनीक काफी आगे बढ़ गई है जबकि इसमें यहां निवेश नहीं किया गया है। न्यूयॉर्क में एनजीओ प्रथम द्वारा आयोजित एक चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि जिस गति से आईटी क्षेत्र में परिवर्तन हो रहे हैं भारत उसमें शामिल नहीं हो पा रहा है।