केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को डीआरडीओ की 41वीं कान्फ्रेंस के दौरान तकनीक और सुरक्षा पर बात की। इस दौरान आर्मी चीफ ने कहा कि भारत अगली जंग स्वदेशी हथियारों और तकनीक से लड़ेगा और मुझे भरोसा है कि हम जीतेंगे। वहीं, एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि दुनिया में कुछ ऐसे देश रहे, जिनके पास उच्च तकनीक थी। एनएसए ने कहा कि भारत की स्थिति इस मामले में दुखद रही।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर उन्हें याद किया। उन्होंने कहा कि वह एक जाने-माने वैज्ञानिक थे। रिसर्च और मिसाइल के डेवलपमेंट में उनके योगदान ने भारत को उन देशों की लिस्ट में ला दिया कि यह देश स्वदेश क्षमताओं की वजह से जाना गया।
एनएसए ने कहा, तकनीक ज्यादा अहम
डोभाल ने कहा, 'तकनीक के मामले में हम हमेशा ही उप-विजेता रहे हैं। उपविजेताओं के लिए कोई इनाम नहीं होता है। हमें अपनी रक्षा सेवाओं और खुफिया एजेंसियों के साथ इस पर समीक्षा करनी होगी कि हमारे लिए क्या चीजें जरूरी हैं, जो हमें दुश्मनों पर बढ़त दिला दें। इस समय किसी क्षेत्र को प्रभावित करने में तकनीक और पैसा अहम हैं। युद्ध की स्थिति में किसी पक्ष की जीत का फैसला भी यही दोनों चीजें करेंगी। इनमें तकनीक ज्यादा अहम है, क्योंकि जहां भी सेना के पास ज्यादा आधुनिक हथियार रहे हैं, उसी ने मानवता के भविष्य का फैसला किया है।'
जरूरतें घरेलू उत्पादन से पूरी करने पर जोर: आर्मी चीफ
इस दौरान आर्मी चीफ ने कहा, “भारत अगली लड़ाई स्वदेशी हथियारों और उपकरणों से लड़ेगा और भरोसा है कि जीत हमें ही मिलेगी। डीआरडीओ पिछले काफी समय से यह तय करने की कोशिश कर रहा है कि हमारी जरूरतें घरेलू उत्पादन से पूरी की जाएं। हम भविष्य की लड़ाई के लिए हथियारों को देख रहे हैं। अब हमें साइबर, लेजर, इलेक्ट्रॉनिक, रोबोटिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक के विकास पर ध्यान देना होगा।''