एक मई से रेरा एक्ट लागू हो गया है। रीयल इस्टेट सेक्टर में हो रही मनमानी के मद्देनजर ‘द रीयल इस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 2016’ (रेरा) को प्रभावी किया गया है।
मशहूर बैंकर दीपक पारेख ने कहा है कि कि महाराष्ट्र नया आरआईआरए :रीयल एस्टेट विनियमन अधिनियम: अपनाने वाला पहला राज्य बन गया है जो अगले महीने प्रभाव में आ जाएगा। नया कानून मकान खरीददारों को बिल्डरों के हाथों किसी भी शोषण से बचाएगा।
भारतीय खेलों में डोपिंग के बढ़ते चलन से चिंतित खेल मंत्रालय इसे अपराध की श्रेणी में लाने पर सहमति बनाने की कोशिश में जुटा है जिसके तहत दोषी खिलाड़ियों और कोचों को जेल की सजा भी हो सकती है। इसके लिए जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में मौजूदा कानूनों पर गौर किया जा रहा है।
एचआईवी-एड्स पीड़ितों के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। एचआइवी-एड्स पीड़ित लोगों को नौकरी देने से इनकार करने या नौकरी से निकालने पर कानूनन सजा का प्रावधान हो गया है। अब एड्स पीडितो की सुरक्षा के लिए संसद द्वारा पारित विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।
अब देश में एचआईवी-एड्स पीडि़त लोगों को नौकरी देने से इनकार करने या नौकरी से निकालने पर कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा। इस संबंध में एक नये कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गयी है।
होटल और रेस्टोरेंट में खाने पर लगने वाला सर्विस चार्ज आपको देना जरूरी नहीं होगा। यह उपभोक्ता की मर्जी पर होगा कि वह इसे दे या न दे। पीएमओ से हरी झंडी मिलने के बाद उपभोक्ता मंत्रालय ने इसके लिए गाइडलाइंस जारी कर दी है।
ऑस्ट्रेलिया के नागरिकता कानूनों में बड़े बदलाव करते हुए देश के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने नए प्रार्थियों के लिए कड़ी अनिवार्यताओं का आज खुलासा किया। अब यहां की नागरिकता प्राप्त करने वालों को अंग्रेजी की परीक्षा पास करनी होगी। इससे पहले विदेशी कर्मियों के लिए 457 वीजा कार्यक्रम रद्द किए गए थे।
एक ओर जहां महिलाओं की सुरक्षा और समानता को लेकर विभिन्न तरह की मुहिम चलाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने वाले कानूनों को ही रद्द कर दिया हैं। ट्रंप ने इन कानूनों को रद्द करने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर भी कर दिया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कानून बनाए थे, जिनको ट्रंप ने खत्म कर दिया है।
चुनावों में मतपत्रों के इस्तेमाल के लिए कानून में बदलाव करने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन चुनाव आयोग का मानना है कि चुनाव कराने के लिए ईवीएम ज्यादा विश्वसनीय और सुरक्षित तरीका है।