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Search Result : "केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव"

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का निधन

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का निधन

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मध्य‍ प्रदेश के रहने वाले दवे 60 वर्ष के थे। संघ से जुड़े दवे को पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में जगह दी थी।
टैंकर घोटाले में एसीबी ने केजरीवाल के निजी सचिव से की पूछताछ

टैंकर घोटाले में एसीबी ने केजरीवाल के निजी सचिव से की पूछताछ

भ्रष्टचार के आरोपों में फंसे दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एसीबी ने और मुश्किल में डाल दिया है। दिल्ली टैंकर घोटाले में एसीबी ने केजरीवाल के निजी सचिव और राजनीतिक सलाहकार बिभव कुमार से पूछताछ की।
योगी पर नहीं चलेगा मुकदमा, मुख्य सचिव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने रखी मजबूरी

योगी पर नहीं चलेगा मुकदमा, मुख्य सचिव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने रखी मजबूरी

गोरखपुर दंगा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा चलाने से मना कर दिया है। वर्ष 2007 के इस मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी केस चलाने से मना कर दिया है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के दफ्तर पर सीबीआई का छापा

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के दफ्तर पर सीबीआई का छापा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक और परेशानी में पड़ गए हैं। सीबीआई ने दिल्ली सचिवालय स्थित स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के दफ्तर पर गुरुवार को छापा मारा है।
यूपी में पिता कंधे पर लादकर ले गया बेटे का शव

यूपी में पिता कंधे पर लादकर ले गया बेटे का शव

स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम आज भी जस की तस है जबकि उत्तर प्रदेश की सत्ता अखिलेश सरकार से होकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है। इस दौरान सरकार बदलाव के तमाम बड़े दावे करे, लेकिन एक आम आदमी के द्वारा शव को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना सभी दावों को ढेर करता दिख रहा है।
'केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सप्ताह में छह दिन के काम का कोई प्रस्ताव नहीं'

'केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सप्ताह में छह दिन के काम का कोई प्रस्ताव नहीं'

केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सप्ताह में छह कामकाजी दिन का कोई प्रस्ताव नहीं है।
कुआं दलितों से बनवाते हो, फिर पानी पीने से उन्हें रोकते क्यों हो : थावरचंद

कुआं दलितों से बनवाते हो, फिर पानी पीने से उन्हें रोकते क्यों हो : थावरचंद

जाति के आधार पर चल रहे भेदभाव पर खेद व्यक्त करते हुए केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि दलित जाति के जो लोग कुएं खोदते हैं और मूर्तियां बनाते हैं, उन्हें कुएं से पानी पीने एवं मंदिरों में प्रवेश से रोका जाना आज के युग में ठीक नहीं है। लोगों में ऐसी सोच बदलनी चाहिए।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ आयकर विभाग का छापा

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ आयकर विभाग का छापा

आयकर अधिकारियों ने शुक्रवार को कर चोरी की जांच मामले में तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर और एक विधायक के परिसरों पर एकसाथ छापा मारा।
‘गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार’

‘गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कहा कि उनकी सरकार गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।
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