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चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

रंगों का त्योहार होली हो या रोशनी का उत्सव दीवाली- समाज के हर वर्ग को साथ मिलकर खुशियां बांटने की प्रेरणा देता है। यूं देश के शीर्ष नेता औपचारिक शुभकामना संदेश देते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में राजनीति में सक्रिय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जिस तरह की जहरभरी पिचकारियां चलती हैं, वह समाज और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बनती जा रही हैं।
होली पर इन बातों का रखें खास ध्यान

होली पर इन बातों का रखें खास ध्यान

सभी को होली का इंतजार है लेकिन इस त्योहार में पिचकारी, गुब्बारों, डाई और गुलाल में प्रयोग जाने वाले रंग त्वचा और बालों के लिए सुरक्षित नहीं होते हैं। इनमें माइका और लैड जैसे रसायनिक पदार्थ होते हैं। जिससे न केवल त्वचा में जलन पैदा होती है बल्कि यह सब सिर की चमड़ी पर जमा भी हो जाते हैं। होली खेलने के बाद त्वचा निर्जीव सी हो जाती है। इस मौके पर त्वचा की देखभाल के लिए हम बता रहे हैं कुछ खास उपायः
दीवाली पर दमकिएः शहनाज हुसैन

दीवाली पर दमकिएः शहनाज हुसैन

त्योहारों का मौसम है। दीवाली आ रही है। इस मौसम में घर तो सजाएं ही साथ ही खुद को संवारना न भूलें। खूबसूरती में चार चांद के लिए यह नुस्खे अपनाएं-
ऐतिहासिक मुकाम, लेखकों के इस्तीफे का बवंडर

ऐतिहासिक मुकाम, लेखकों के इस्तीफे का बवंडर

देश के सभी कोनों से, सभी भाषाओं में एक ही आवाज उठ रही है। यह अपने आप में ऐतिहासिक परिघटना है। इससे पहले इस देश में इतने बड़े पैमाने पर लेखकों-साहित्यकारों-रंगकर्मियों ने एक साथ एक ही मुद्दे पर मिलकर आवाज नहीं उठाई थी। वे सब अलग-अलग राज्यों से, अपनी-अपनी भाषाओं में एक ही स्वर बोल रहे हैं।
डबराल, जोशी समेत कई साहित्‍यकारों ने लौटाए पुरस्‍कार

डबराल, जोशी समेत कई साहित्‍यकारों ने लौटाए पुरस्‍कार

सांप्रदायिक राजनीति, अभिव्‍यक्ति की आजादी पर बढ़ते हमलों और बढ़ती असहिष्‍णुता के खिलाफ साहित्‍य अ‍कादमी पुरस्‍कार लौटाने का सिलसिला तेज होता जा रहा है। अब तक विभिन्‍न भाषाओं के करीब 15 साहित्‍यकार पुरस्‍कार लौटा चुके हैं।
रंग-गुलाल के बाद त्वचा की देखभाल

रंग-गुलाल के बाद त्वचा की देखभाल

पूरे साल भर आप जिस त्वचा को संभाल कर रखते हैं, होली के दिन उसे थोड़ा-बहुत नुकसान तो हो ही जाता है। कितना भी प्राकृतिक रंगों बात की जाए लेकिन उनमें केमिकल होना तय है।
होली का त्योहार और गुझिया

होली का त्योहार और गुझिया

होली का त्योहार आते ही फागुनी मस्ती में मिठास घुल जाती है। इस मिठास का स्वाद और बढ़ जाता है जब इसमें गुझिया की खुशबू और रंगत भी शामिल हो जाते हैं। होली के पर्व पर यह खास पकवान घर-घर बनाया जाता है।
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