Advertisement

Search Result : "चमक"

क्रिकेट का शकुनि

क्रिकेट का शकुनि

वह आज तक न समझ पाया था कि उसके माता-पिता ने उसका नाम शकुनि क्यों रखा था। माता-पिता का तो वह हमेशा लाड़ला रहा था। बचपन से पांसे फेंक कर जीतने का वह शौकीन था। पर केवल इसी कारण तो उसका नाम शकुनि नहीं रखा गया होगा। चलो, मैं क्यों फिक्र करूं, वह मन ही मन बुदबुदाया। वैसे भी नाम में क्या रखा है? फिर पांसे फेंकर कर जीतना भी कला है। इस में एकाग्रता, कल्पना शक्ति, आत्मविश्वास और अपनी काबिलियत में भरोसे की भी अत्यंत आवश्यकता होती है, तभी तो आप जीत सकते हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement