Advertisement

Search Result : "जीवन पानी मेमोरियल"

महाराष्ट्र में कोयला पावर प्लांट्स निगल रहा 1.2 करोड़ लोगों के हिस्से का पानी

महाराष्ट्र में कोयला पावर प्लांट्स निगल रहा 1.2 करोड़ लोगों के हिस्से का पानी

एक तरफ महाराष्ट्र लगातार सूखे से जूझ रहा है, दूसरी तरफ ग्रीनपीस की एक रिपोर्ट ‘द ग्रेट वाटर ग्रैब-हाउ द कोल इंडस्ट्री इज डिपनिंग द ग्लोबल वाटर क्राइसिस’ में यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि अकेले महाराष्ट्र में कोयला पावर प्लांट्स इतनी अधिक मात्रा में पानी का खपत करता है जो हर साल लगभग सवा करोड़ लोगों के लिये पर्याप्त है।
बिहार के गांव से तिहाड़ तक के सफर पर किताब लिखेंगे कन्हैया

बिहार के गांव से तिहाड़ तक के सफर पर किताब लिखेंगे कन्हैया

जेएनयू में कथित देशविरोधी नारेबाजी के बाद देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हुए छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार अपनी जीवन यात्रा पर अब एक किताब लिखेंगे। इस किताब में कन्हैया बिहार के एक गांव से शुरु होकर देशद्रोह के आरोप में दिल्ली के तिहाड़ जेल जाने तक के अपने जीवन के सफर पर रौशनी डालेंगे।
महाराष्ट्र में आईपीएल के मैचों पर सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

महाराष्ट्र में आईपीएल के मैचों पर सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

उच्चतम न्यायालय ने आईपीएल मैचों को सूखा प्रभावित महाराष्ट्र से बाहर आयोजित करवाने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र एवं मुंबई क्रिकेट संघों की याचिकाओं को आज खारिज कर दिया।
पानी बचाने के लिए प्रयासरत अधिकारी

पानी बचाने के लिए प्रयासरत अधिकारी

छत्तीसगढ़ राज्य के जल संसाधन विभाग के आकड़ों के मुताबिक राज्य के वृहद और मध्यम सिंचाई जलाशयों में कुल 21 हजार 887 घनमीटर पानी उपलब्‍ध है, जो कुल इस्तेमाल योग्य जल संग्रहण क्षमता का 35 फीसदी है। यह आंकड़े किसी को भी डरा सकते हैं।
मोदी के मन की बात, पानी से बढ़े जीडीपी

मोदी के मन की बात, पानी से बढ़े जीडीपी

देश के कई राज्यों के जल संकट से जूझने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पानी के संबंध में संवेदनशीलता जरूरी है क्योंकि शुद्ध पीने का पानी जीडीपी वृद्धि का कारण बन जाता है और इस दृष्टि से वर्षा का पानी, गांव का पानी, गांव में रोकने के लिए सामूहिक प्रयत्न करने की जरूरत है।
पानी के लिए त्राहिमाम

पानी के लिए त्राहिमाम

देश पानी के भीषण संकट से गुजर रहा है। मराठवाड़ा के हालात पर हर दिन चर्चा हो रही है। सुरक्षा बल के साथ वहां पानी की ट्रेन भेजी गई और कई लोग पूरे दिन में सिर्फ एक गिलास पानी पर रहने को मजबूर हैं। उत्तर प्रदेश में पानी हर साल संकट और तबाही का कारण बनता रहा है। किसी साल बाढ़ तो किसी साल सूखे की त्रासदी झेलने को मजबूर उार प्रदेश में गर्मी का मौसम शुरू होते ही 50 जिले सूखे की चपेट में आ गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले दो दशकों में कभी भी मार्च के अंत और अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में ऐसे विकराल रूप में सूखा नहीं पड़ा। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त की मानें तो राज्य के पचास जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका है। ऐसे 21 जिले हैं जिसमें किसानों को 33 प्रतिशत फसल का नुकसान हुआ है। जहां तक सूखा पीड़ित क्षेत्रों के किसानों को सरकारी मदद का सवाल है, यह मदद उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिनकी 33 प्रतिशत से अधिक फसल नष्ट हुई है। अभी मई और जून की भीषण गर्मी के दिनों में और भी जिलों के सूखा प्रभावित होने आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार मंडलों के बीच जिलों में पानी के स्रोत सूख चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार सबसे खतरनाक स्थिति भूगर्भ जल स्तर के औसतन छह से नौ फुट तक नीचे जाने के कारण उत्पन्न हुई है। इन जिलों के डेढ़ हजार से अधिक कुओं का जलस्तर न्यूनतम होने के कारण कुएं सूख गए हैं। 80 प्रतिशत से अधिक हैंडपंप सूख चुके हैं।
जीवन के आयामों का आइना पॉल की तीर्थयात्रा

जीवन के आयामों का आइना पॉल की तीर्थयात्रा

तरक्की के इस दौर में, सभ्यता और आधुनिकता के बीच तालमेल बनाने की होड़ मची हुई है। इस दौर में परिवारों का ढांचा भी बदल गया है। संयुक्त परिवारों की जटिलताओं के दौर से निकलने के बाद तरक्की पसंद लोगों ने एकल परिवार की नई परिकल्पना संसार को दी थी।
सिंहस्थ में क्षिप्रा को जीवन दे रही नर्मदा

सिंहस्थ में क्षिप्रा को जीवन दे रही नर्मदा

मध्यप्रदेश के शहर उज्जैन में 22 अप्रैल से सिंहस्थ मेला शुरू हो रहा है। धार्मिक नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी बहती है जिसमें श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। यह अलग बात है कि क्षिप्रा में पानी की कमी के चलते इसमें नर्मदा का जल मिलाया गया है।