आम आदमी पार्टी की किसान रैली में आत्महत्या करने वाले गजेंद्र सिंह की मौत पर पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में केजरीवाल ने कहा, उस समय रैली जारी रखना मेरी गलती थी और मैं सबसे माफी मांगता हूं। इस मामले की पुलिस और मजिस्ट्रेट जांच चल रही है और जो भी इसका दोषी हो, उसे चाहे फांसी पर लटका दो। लेकिन बहस इसी पर केंद्रित होनी चाहिए कि किसान खुदकुशी क्यों कर रहे हैं।
जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह कल्याणवत की खुदकुशी ने संसद से लेकर देश भर में बहस छेड़ दी है। गजेंद्र राजस्थान के दौसा जिले के एक गांव के रहने वाले थे। उन्हें किसान बताया तो जा रहा है लेकिन वह सिर्फ किसान नहीं थे बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप से सक्रिय और जागरुक नागरिक भी थे। इस वर्ष उनकी सारी फसल बरबाद हो गई थी जिस वजह से वह आहत थे।
किसान की खुदकुशी सहित देश में किसानों की आत्महत्या को लेकर संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। जिसके कारण दोनों सदनों को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कुछ सदस्यों की ओर से प्रश्नकाल स्थगित करने के लिए दिये गये नोटिस को अस्वीकार करते हुए 12 बजे इस विषय पर चर्चा कराने और फिर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बात रखने की व्यवस्था दी।
ये आंकड़ा हर किसी को पता है कि इस देश में 1995 से अब तक साढ़े तीन लाख किसानों-खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। दैनिक औसत निकालें तो 50 लोग हर रोज जान दे रहे हैं। 20 साल में देश की सत्ता और सिस्टम इन मौतों के जिम्मेदारों की शिनाख्त नहीं कर पा रही है। चूंकि, शिनाख्त नहीं हुई इसलिए आगे की कार्रवाई की भी जरूरत नहीं। एक खेल चल रहा है जिसमें राजनीतिक दल एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। उनका ध्यान समस्या ओर उसके समाधान पर नहीं है, बल्कि खुद को दूसरों से उजला, ईमानदार और संवेदनशील दिखाने पर है। ऐसे में कोई गजेंद्र मरे तो मरता रहे, उनकी बला से।
दिल्ली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की आत्महत्या पर आज लोकसभा में खूब हंगामा हुआ। जिसके बाद प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर लोकसभा में बयान देने पड़े। किसान विरोधी होने के आरोप झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमें यह सोचना होगा कि हम कहां गलत रहे, कौन-से गलत रास्ते पर चल पड़े। पहले क्या गलतियां रही और पिछले 10 महीने में क्या गलतियां हुई। हमें किसानों की समस्या का समाधान खोजना है। कई वर्षों से किसानों की आत्महत्या पूरे देश के लिए चिंता का विषय हैं। कल की घटना से पूरे देश में पीड़ा है और उसकी अभिव्यक्ति आज सदन में भी हुई। मैं भी इस पीड़ा में सहभागी हूं।
बेशक विकास के लिए भूमि जरूरी है। देश को ज्यादा से ज्यादा उद्योगों, सड़कों, बिजली, रेल, अस्पतालों, स्कूलों और मकानों की जरूरत है। लिहाजा, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होनी चाहिए। जिनसे जमीन ली जाए उन्हें उचित मुआवजा और विकास में हिस्सेदारी मिलनी ही चाहिए। लेकिन क्या मोदी सरकार की ओर से लाया जा रहा भूमि अधिग्रहण विधेयक, 2015 इस मामले में खरा उतरता है? वास्तव में नहीं।
आम आदमी पार्टी के बागी नेता प्रशांत भूषण ने पार्टी के शीर्ष नेता आशीष खेतान पर आरोप लगाया है कि वह 2जी घोटाले में फंसी एस्सार कंपनी के बचाव में तहलका में लेख लिखा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के इतिहास में पहली बार ऐसा व्यक्ति महासचिव बना है जो सांसद भी है। भारत के कम्युनिस्ट आंदोलन में भी यह पहली परिघटना है। माकपा के नए महासचिव सीताराम येचूरी राज्यसभा सांसद हैं और संसद के भीतर वाम स्वर को उठाने वाले एक परिचित चेहरे हैं। अब येचूरी और माकपा के सामने यह दुविधा है कि सांसद बना रहा जाए या यह पद छोड़ दिया जाए।
माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी को पार्टी के नये महासचिव के तौर पर सर्वसम्मति से चुन लिया गया। पार्टी ने अपने 21 वें सम्मेलन के समापन के मौके पर आज अपनी केंद्रीय कमेटी के 91 सदस्यों और 16 सदस्यीय पोलित ब्यूरो को भी चुना।