अमेरिका के एक जज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सात मुस्लिम बहुल देशों के यात्रियों और प्रवासियों पर लगाए गए प्रतिबंध पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है।
पाकिस्तान की छात्रा कार्यकर्ता और शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई ने कहा कि वह शरणार्थियों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से अत्यंत दुखी हैं। मलाला ने ट्रंप से अनुरोध किया कि वह दुनिया के सबसे असुरक्षित लोगों को अकेला ना छोड़ें।
दुनिया का सबसे ताकतवर ओहदा संभालने के बाद अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया की नजर डोनाल्ड ट्रंप पर है। 20 जनवरी को दफ्तर संभालने के बाद ट्रंप ने ओबामा के कई अहम फैसलों को पलटा है। इसके बावजूद चुनाव प्रचार के दौरान किए दावों पर खरा उतरना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है।
अमेरिका और भारत में 'ट्रंप टावर’ जैसी बहुमंजिली इमारतों का निर्माण करने वाले डोनाल्ड ट्रंप सपनों के सौदागर भी हैं। अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण के तत्काल बाद अमेरिका को 'ग्रेट’ और 'फर्स्ट’ बनाने का संकल्प व्यक्त किया। 70 वर्षीय ट्रंप अरबपति बिजनेसमैन अवश्य हैं, लेकिन इस लंबी यात्रा में उन्होंने जनता से जुड़ी कोई राजनीतिक शिक्षा-दीक्षा, स्थानीय चुनाव तक में भागीदारी नहीं की है।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल कम्यूनिकेशन्स कमीशन के आयुक्त अजीत पई से मुलाकात कर उनके संचार नियामक एजेंसी के प्रमुख बनने की अटकलों को और हवा दे दी है।
राष्ट्रपति पद संभालने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय टी.वी. समाचार चैनल ‘सीएनएन’ को ‘फर्जी’ कहने के साथ पहली प्रेस कांफ्रेंस में चैनल की प्रमुख पत्रकार को सवाल पूछने से भी रोक दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में डोनाल्ड ट्रंप सीएनएन के रिपोर्टर के साथ वाक्युद्ध में उलझ गए। दरअसल उन्होंने रिपोर्टर को सवाल नहीं करने दिया और उनके समाचार नेटवर्क को फर्जी न्यूज कह कर उसकी आलोचना की।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश में लोकतंत्र को नस्लवाद, असमानता और नुकसानदेह राजनीतिक माहौल से खतरा बताते हुए अमेरिकियों से इसकी रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अटॉर्नी जनरल पद के लिए नामित सीनेटर जेफ सेशंस ने अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के विचार का विरोध करते हुये इस बात पर जोर दिया है कि इसे उन लोगों पर केंद्रित किया जाना चाहिए जो किसी ऐसे देश से आते हों, जिसका आतंकवाद का इतिहास रहा है।