Advertisement

Search Result : "धामी की धमक"

4 महीने में  उत्तराखंड को मिला तीसरा मुख्यमंत्री: नए सीएम होंगे पुष्कर सिंह धामी, रविवार को लेंगे शपथ

4 महीने में उत्तराखंड को मिला तीसरा मुख्यमंत्री: नए सीएम होंगे पुष्कर सिंह धामी, रविवार को लेंगे शपथ

चार महीने के भीतर उत्तराखंड को फिर से नया मुख्यमंत्री मिला है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे...
अंबेडकर जयंती विशेष- दलित दौर की दमदार धमक, मिलिए उन दलितों से जिन्होंने बनाई अपनी एक अलग पहचान

अंबेडकर जयंती विशेष- दलित दौर की दमदार धमक, मिलिए उन दलितों से जिन्होंने बनाई अपनी एक अलग पहचान

डॉ. सूरज येंग्ड़े दलित समुदाय की अपूर्व प्रतिभा से पूरी तरह बावस्ता होने के लिए संपूर्ण दलित अनुभव में...
पुलिस राज की धमक तो नहीं

पुलिस राज की धमक तो नहीं

“सरकार की नई अधिसूचना पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की ताकझांक पर अंकुश के मामले में मौन” जॉर्ज ऑरवेल...
“ध्रुवीकरण की धमक तेज”

“ध्रुवीकरण की धमक तेज”

आरएसएस पर वाल्‍टर के. एंडरसन जैसा गंभीर अध्ययन शायद ही दूसरे किसी ने किया हो। उन्‍होंने पांच दशक से...
पंजाबी थियेटर फेस्टिवल की धमक

पंजाबी थियेटर फेस्टिवल की धमक

दिल्ली में 30 नवबंर से पंजाबी थियेटर फेस्टिवल शुरू होने जा रहा है। इस दौरान पंजाब के जाने-माने थियेटर निर्देशकों के निर्देशन में नाटकों का मंचन होगा।
बिहार चुनाव की धमक बाहर तक

बिहार चुनाव की धमक बाहर तक

बिहार में चुनावी परिणाम चाहे जो रहे, सरकार चाहे नीतीश कुमार की बने या नरेंद्र मोदी की, इन चुनावों के प्रचार ने राष्ट्रीय राजनीति के कई बंद दरवाजों को खोला है। कई ऐसे समीकरण आए, जिनके बारे में कुछ सालों पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। नीतीश और लालू का साथ आना, अति पिछड़ा वर्ग का निर्णायक स्थिति में पहुंचना, तमाम वाम दलों का मिलकर चनाव लड़ना और पहली बार देश के प्रधानमंत्री का किसी राज्य के चुनाव के लिए रिकॉर्ड सभाएं करना। इन तमाम पहलुओं पर बिहार की जनता ने पैनी निगाह रखी और हर पहलू पर जमकर चर्चा हुई। ये बहसें सिर्फ बिहार की धरती तक ही सीमित नहीं रहीं, जहां भी बिहारी हैं, वहां बिहार के राजनीतिक भविष्य पर चिंता हावी रही।
Advertisement
Advertisement
Advertisement