पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल कल पुलिस को चकमा देकर निकल भागने के बाद आज गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के धरांगधारा कस्बे से गुजरने वाले राजमार्ग पर रहस्यमय परिस्थितियों में सामने आ गए और दावा किया कि उन्हें अगवा कर लिया गया था।
गुजरात में पटेल जाति के लिए जारी आरक्षण आंदोलन बीच ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण नीति की समीक्षा का समर्थन करते हुए कहा है कि इसका राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही उन्होंने इसके लिए एक गैर-राजनीतिक समिति गठित का सुझाव दिया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आरक्षण की जरूरत किसे और कितने समय तक है।
पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल को हिरासत में लिए जाने के बाद गुजरात सरकार ने कानून व्यवस्था से निबटने और किसी अफवाह को फैलने से रोकने के लिए समूचे गुजरात में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर आज रोक लगा दी।
बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के महागठबंधन को निषाद समुदाय के उभरते नेता मुकेश सहनी का समर्थन मिला है जिनके तेवर हार्दिक पटेल से काफी मिलते-जुलते हैं।
चुनाव आयोग का बिगुल बजने से पहले और चुनाव अभियान चल निकलने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपने नतीजे दिखाने शुरू कर दिए। कुछ बानगी:
हार्दिक पटेल ने पटेल आरक्षण मुद्दे पर उल्टा दांडी मार्च 13 सितंबर तक टालने का एेलान किया है। यह यात्रा कल से शुरू होने वाली थी लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है। हार्दिक ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार अगले रविवार तक इजाजत देने में नाकाम रहती है तब भी वह विरोध कार्यक्रम पर आगे बढ़ेंगे।
गुजरात में पटेल आंदोलन की पहचान बने हार्दिक पटेल की तर्ज पर जाट समुदाय ने भी सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग तेज करने का फैसला किया है।