30 और 31 अगस्त के सरकारी आंकड़े आर्थिक मोर्चे पर सरकार के लिए कई सवाल लेकर आये हैं और यह सवाल नोटबंदी से जुड़े हैं जिन पर सरकार और रिजर्व बैंक को सफाई देनी चाहिए।
रबीआई पर नोटबंदी के व्यापक असर को देखते हुए सिर्फ एक फीसदी नोटों का बैंकों में वापस न आना चौकाने वाला आंकड़ा है। इससे नोटबंदी के औचित्य पर ही सवाल खड़े होने लगे हैैं।
लंबे इंतजार के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोटबंदी का पूरा हिसाब-किताब पेश किया। लेकिन इन आंकड़ों ने नोटबंदी के दावों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
सीबीडीटी ने अपने बयान में कहा है कि इससे साफ पता चलता है कि नोटबंदी की वजह से बड़े पैमाने पर नए टैक्सपेयर्स टैक्स नेट में आए हैं। इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर से निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा कि चीन को उकसाने से पहले देश को अपनी रक्षा तैयारियों को ध्यान में रखना चाहिए।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर केंद्र मोदी सरकार निशाना साधा है। बीजेपी के अच्छे दिन के वादे पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे कहा कि अच्छे दिन सिर्फ सरकारी विज्ञापनों में ही दिखाई दे रहे हैं, बाकी सिर्फ आनंद ही आनंद है।
देश में 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू होने के बाद से लगभग 15 लाख लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी हैं। इसका खुलासा सेन्टर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआइई) के एक सर्वे में किया गया है।