धर्मग्रंथ के अपमान को लेकर अशांत पंजाब के पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी का तबादला कर दिया गया है। उनकी जगह सुरेश अरोडा को पंजाब का नया डीजीपी बनाया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज पंजाब दौरे पर हैं जहां पवित्र ग्रंथ को लेकर तनाव चल रहा है। केजरीवाल ने शांति बहाली के लिए स्वर्ण मंदिर में अरदास की और कहा कि पंजाब में अशांति फैलाने के जानबूझकर ऐसा किया गया।
पंजाब के चार जिलों में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ता देख सेना को तैनात कर दिया गया है। बीते एक सप्ताह से सिखों के पवित्र गंथ्र गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर पंजाब में तनाव और हिंसा का माहौल बना हुआ था। इस मामले में सबसे पहले हुई घटना में दो लोगों की मौत हो चुकी है।
पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाओं और राज्य में हो रहे प्रदर्शन के मद्देनजर 14 से 28 नवंबर तक होने वाले छठे विश्व कबड्डी कप को रद्द करने का एलान किया।
गुरू ग्रंथ साहिब के अनादर को लेकर अभी पंजाब में हिंसा थमी भी नहीं थी कि फिरोजपुर में फिर से ऐसी घटना घट गई। कोटकपूरा के गांव बुर्ज जवाहरसिंह वाला के बाद कल फिरोजपुर जिले के एक गांव में कुछ असामाजिक तत्वों ने पवित्र ग्रंथ के कुछ पन्ने कथित रूप से फाड़ डाले जिसके बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
पंजाब में बढ़ रही हिंसा को देखते हुए अकाल तख्त साहिब ने डेरा सच्चा सौदा वाले बाबा राम रहीम पर यूटर्न ले लिया है। अकाल तख्त ने बाबा को दी हुई माफी वापस ले ली है। दरअसल गुरू गोबिंद सिंह का बाना पहनने के मसले पर सिखों की धार्मिक अदालत अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को हाल ही में माफी दी थी।
गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर सिख संगठनों की ओर से पंजाब बंद का असर दिखाई दे रहा है। मालवा पट्टी में खासकर इसका व्यापक असर है। बठिंडा, संगरूर, मोगा, कोटकपूरा और फरीदकोट में हिंसा का असर है। बुधवार को हुई हिंसा के बाद से पंजाब सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है। हिंसा में दो लोग मारे जा चुके हैं और चार की हालत गंभीर है। लगभग सौ लोग जख्मी हैं। सरकार ने सुरक्षा के खासे इंतेजाम किए हैं। दुकानें बंद हैं और सड़कों पर भी पुलिस के अलावा कोई नजर नहीं आ रहा है।
पंजाब के जिला मोगा समेत समस्त मालवा पट्टी में शुरू हुई हिंसा में अभी तक सौ लोग जख्मी हो चुके हैं। सिख जत्थेबंदियों ने कल मालवा बंद का आह्वान किया है। कोटकपूरे के गांव बुर्ज जवाहर सिंहवाला से शुरू हुई हिंसा मालवा के तमाम जिलों फैल चुकी है। गौरतलब है कि लगभग डेढ़ महीने पहले इस गांव के लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि गांव से सिखों का पवित्र ग्रंथ चोरी हो गया है। इसपर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। विवाद बढ़ते- बढ़ते इस हद तक गया कि उसने हिंसा का रूप ले लिया।
पंजबा के फरीदकोट में पवित्र किताब के कथित अपमान से नाराज सिख प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव में आज 8 पुलिसकर्मियों सहित 15 लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर जमकर पथराव किया जबकि पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों से बेकाबू भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया।
एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की तुलना दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपिता और पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला से कर रहे हैं तो दूसरी ओर पंजाब के साहित्यकार पीएम मोदी के राज में लेखकों पर लगातार हो रहे हमलों के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा रहे हैं। गुरुबचन भुल्लर, अजमेर सिंह औलख, आत्मजीत सिंह और कैनेडा में रह रहे वरियाम संधू पहले ही साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का ऐलान कर चुके हैं जबकि आज साहित्यकार सुरजीत पातर ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा कर दी है। पातर के अलावा पंजाब से कवि दर्शन बुडर और साहित्यकार मेघराज मित्तर ने भी अपने-अपने पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है।