उत्तरप्रदेश में सपा-बसपा के जातीय समीकरण तो भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति पर वार करते रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अब पेशे से पहचानी जाने वाली जातियों की पहचान की चिंता सताने लगी है। राहुल के अनुसार चमकते ब्यूटी पार्लर और ब्यूटी सैलून नाई जाति, नई टेक्नोलॉजी विश्र्वकर्मा तो पान पराग पान के परंपरागत पेशे से जुड़े चौरसिया समाज के लोगों का न केवल रोजगार छिन रहे हैं बल्कि यह इनकी जातीय पहचान भी मिटा रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने इन जातियों से कहा है कि उनका पेशा ही उनकी सामाजिक पहचान है जिस पर आक्रमण हो रहा है और कांग्रेस उनकी जातीय पहचान बचाने के लिए तैयार है।
अवधनारायण मुद्गल शीर्षक कहानी की शुरुआत 28 फरवरी 1936 को आगरा के ऐमन्पुरा में उनके जन्म से हुई। शिक्षा शास्त्री और साहित्य रत्न के अलावा मानव शास्त्र में एम.ए. की डिग्री लेने वाले अवध जी के बारे में कम लोग जानते हैं कि वह प्रगतिशील साहित्य के गहन अध्येता थे। गोर्की, चेखव, मार्क्स, एंगल्स और लेनिन के साथ साथ वह भारतीय दर्शन और पुरा कथा साहित्य के भी मर्मज्ञ थे।