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Search Result : "परी कथा"

दीवार पार की कथा

दीवार पार की कथा

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में चीनी भाषा के प्राध्यापक बी.आर. दीपक की आत्मकथा ‘दीवार के उस पार’...
ओवरसीज तक जाएगी संडास वाली प्रेम कहानी

ओवरसीज तक जाएगी संडास वाली प्रेम कहानी

अगर किसी को लग रहा हो कि स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित फिल्म टॉयलेट : एक प्रेम कथा से सिर्फ भारत के लोगों का ही जुड़ाव होगा तो जानकारी के लिए बता दें कि और फिल्मों की तरह ये भी वर्ल्ड वाइड रीलिज होगी। 11 अगस्त यानी कल फिल्म के नायक अक्षय कुमार अपनी नायिका भूमि पेडनेकर के लिए टॉयलेट बनवा कर ही दम लेंगे।
अनुष्का की अपकमिंग मूवी ‘परी’ का फर्स्ट लुक जारी, देखकर हो जाएंगे हैरान

अनुष्का की अपकमिंग मूवी ‘परी’ का फर्स्ट लुक जारी, देखकर हो जाएंगे हैरान

बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा की अपकमिंग फिल्म 'परी' का फर्स्ट लुक जारी हो गया है। अनुष्का ने प्रोडक्शन हाउस क्लीन स्लेट फिल्म्स के नए प्रोजेक्ट 'परी' पर काम शुरू कर दिया है। इससे पहले अनुष्का ने ‘फिल्लौरी’ में भूतनी का किरदार निभाया था।
श्री राम कथा सुनाकर मन मोह रही है 6 साल की आएशा इकबाल

श्री राम कथा सुनाकर मन मोह रही है 6 साल की आएशा इकबाल

हाल ही में फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड की गई है जिसमें एक बच्ची रामायण की कहानी सुनाती दिखाई दे रही है। दो मिनट के इस वीडियो को काफी पसंद और शेयर किया जा रहा है।
अनुवाद इतिहास को वर्तमान से जोड़ने का बड़ा प्रयास है-सीतांशु यशश्चंद्र

अनुवाद इतिहास को वर्तमान से जोड़ने का बड़ा प्रयास है-सीतांशु यशश्चंद्र

कल छह दिवसीय साहित्योत्सव के अंतिम दिन ‘अनुवाद पुनर्कथन के रूप में’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन वक्तव्य में प्रख्यात गुजराती लेखक सीतांशु यशश्चंद्र ने कहा कि कृष्ण कथा और राम कथा का हमारे देश में कई भाषाओं में अनूदित हो रोचक पुनर्कथन हुआ है, और यह आधुनिक भाषाओं में भी हो रहा है। यह इतिहास को वर्तमान से जोड़ने का बड़ा प्रयास है। उन्होंने अनुवाद प्रक्रिया में आने वाले बिखराव फैलाव और छाया अनुवाद की चर्चा करते हुए संस्कृत/प्राकृत/पालि/हिंदी/गुजराती आदि के अनुवादों से कई उदाहरण दिए।
...जब मनोज वाजपेई करने लगे थे महिलाओं की तरह व्यवहार

...जब मनोज वाजपेई करने लगे थे महिलाओं की तरह व्यवहार

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के 19वें भारत रंग महोत्सव के फेस टु फेस कार्यक्रम में अब भी नाटक को पहला प्रेम मानने वाले बालीवुड अभिनेता मनोज वाजपेई ने स्वीकार किया कि नटवा नाटक के शीर्षक किरदार को कई बार करने की वजह से मेरे निजी जीवन में भी हाव-भाव महिलाओं की तरह हो गए थे। उन्होंने कहा कि इस चरित्र से बाहर आने में उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी। वह इतना हाबी था कि उससे बाहर आने के लिए न केवल कसरत करना पड़ी, जैसा कि मैने कहीं पढ़ा कि कमल हासन को भी ऐसा करना पड़ा था। बातचीत में उन्होंने बताया कि शूल फिल्म ईमानदार पुलिस इंस्पेक्टर के करेक्टर से बाहर आने में तो उन्हें मनोवैज्ञानिक का सहारा लेना पड़ा था।
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