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Search Result : "पेरिस जलवायु समझौता"

ईरान मुद्दे पर अमेरिका में घमासान

ईरान मुद्दे पर अमेरिका में घमासान

ईरान से परमाणु करार को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अब तक सिर्फ इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निशाने पर थे मगर अब ओबामा प्रशासन को देश के भीतर से ही चुनौती मिली है। इस मुद्दे पर अमेरिका के रिपाब्लिकन सीनेटर खुलकर ओबामा प्रशासन के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
मध्य पूर्व में बदलती अमेरिकी नीति

मध्य पूर्व में बदलती अमेरिकी नीति

क्या ईरान के मुद्दे पर अमेरिका और इस्राइल के दशकों पुराने संबंध फीके पड़ जाएंगे? क्या ईरान इन दोनों चिर मैत्री में बंधे देशों के बीच दरार डाल देगा? अगर इ्स्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के वर्तमान अमेरिका दौरे की घटनाओं को देखें तो आभास कुछ-कुछ ऐसा ही होता है।
ममता के बांग्लादेश दौरे से तीस्ता जल करार की उम्मीद

ममता के बांग्लादेश दौरे से तीस्ता जल करार की उम्मीद

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने राज्य और बांग्लादेश के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए गुरुवार को यहां तीन दिवसीय दौरे पर पहुंची। उनके दौरे से तीस्ता जल बंटवारा करार और भूमि सीमा करार पर आगे बढ़ने की उम्मीदें है। सन 2011 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनका यह पहला दौरा है।
भारत-श्रीलंका के बीच असैन्य परमाणु समझौता

भारत-श्रीलंका के बीच असैन्य परमाणु समझौता

आपसी संबंधों को नए स्तर तक ले जाते हुए भारत और श्रीलंका ने सोमवार को एक असैन्य परमाणु समझौते पर दस्तखत किए और रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के बीच हुई वार्ता के बाद इसकी घोषणा की गई।
भारत की परमाणु परियोजनाओं में निवेश के लिए अमेरिका आशान्वित

भारत की परमाणु परियोजनाओं में निवेश के लिए अमेरिका आशान्वित

अमेरिकी कंपनियों ने भारतीय परमाणु परियोजनाओं में निवेश के संकेत दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षाा उप सलाहकार ने उम्मीद जताई कि भारत मेंहिस्सा लेने में सक्षम होंगी अमेरिकी कंपनियांऔर उनकी चिंताओं का हल जल्द निल आएगा।
कहाँ गए हमारे कार्टून?

कहाँ गए हमारे कार्टून?

कार्टून पर हमले भलेही यूरोपीय देशों में हो रहे हों, लेकिन अपने देश में वह पहले ही मरणासन्न हालत में है. साढ़े तीन दशक पहले जब हमने पत्रकारिता में कदम रखा था तब लगभग हर अखबार में कार्टून छपा करते थे, उन पर चर्चा हुआ करती थी, नामी कार्टूनिस्ट हुआ करते थे. हिन्दी अखबार, जिनकी अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत कमजोर मानी जाती थी, वहाँ भी दो-दो कार्टूनिस्ट होते थे.
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