गुड्स ऐंड सविर्सेज टैक्स (जीएसटी) को आजादी के बाद से कर क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। जीएसटी से सरकार को अहम फायदे होंगे। इससे मेक इन इंडिया प्रोग्राम को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही कई वस्तुओं पर उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मौजूदा कर ढांचे और लाल फीताशाही के कारण होने वाली देरी से कारोबार को पांच-10 फीसद नुकसान पहुंचता है, जिसकी भरपाई कारोबारी उपभोक्ताओं की जेब से करते हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी रविवार को एक सप्ताह की अमेरिका की यात्रा पर आएंगे। उनकी यात्रा का लक्ष्य भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अरबों डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करना और अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को गति देना है।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने स्पष्ट किया है कि वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद मामले में नकद भुगतान दो लाख रुपये से अधिक होने पर ही स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) लागू होगी।
चालाकी दिखाते हुये कर अदायगी से बचने वालों की बढ़ती तादाद के मद्देनजर आयकर विभाग ने अपने अधिकारियों से कहा कि वे ऐसे आरोपियों को हिरासत में लेने, उनकी जब्त संपत्तियों की नीलामी के प्रावधान का उपयोग करने में हिचकिचाहट नहीं दिखायें।
आर्थिक सुधारों को गति देते हुए सोमवार को मोदी सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआई पॉलिसी) में कई बड़े बदलावों का ऐलान किया। नागरिक उड्डयन और रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी गई है।
परोक्ष करों में महत्वपूर्ण सुधारों के प्रावधानों वाले जीएसटी विधेयक के संसद के मौजूदा सत्र में पारित नहीं होने पर प्रदेशों के हितों के प्रभावित होने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इसके पारित होने से राज्यों को सीधे सीधे लाभ पहुंचता।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्रक्रिया के कारण जाली राशन कार्ड की पहचान कर केंद्र सरकार ने दस हजार करोड़ रूपये की बचत की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके बाद एक करोड़ साठ लाख से अधिक जाली राशन कार्ड की पहचान हुई।
कुछ आर्थिक निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंच ने ई-कॉमर्स, खाद्य प्रसंस्करण और विपणन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध करने का निर्णय किया है।
विवादास्पद अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले में फैसला सुनाने वाले इतालवी न्यायाधीश ने आज कहा कि एंग्लो-इतालवी हेलिकॉप्टर फर्म के पक्ष में सौदा कराने के एवज में कथित रिश्वतखोरी को लेकर किसी भारतीय नेता के संबंध में कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है।