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Search Result : "प्रो.सुबोध मेहता"

चर्चाः सस्ते सौदे में सीट संसद की। आलोक मेहता

चर्चाः सस्ते सौदे में सीट संसद की। आलोक मेहता

सौदागर सैकड़ों साल पहले सिल्क रूट से चीन, अमेरिका, यूरोप तक पहुंच जाते थे। तब यात्रा महीनों चलती थी और वाहन सीमित थे। अब तो गोल्डन, डायमंड रूट भी बन गए हैं। ये रूट व्यापार, हथियार के लिए ही नहीं राजनीति में भी कुछ सौदागरों के ‌लिए मुनाफे वाले हो चुके हैं। एक समय था, जबकि भैंरोंसिंह शेखावत जैसे नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए पत्नी के हाथ की सोने की चूड़ियां तक बेचनी पड़ती थी और कुछ सौ रुपयों का इंतजाम होता था। अब तो आलम यह है कि कुछ सौदागरों को सरकारी खजाने से एक सौ करोड़ सांसद के नाते अपने पेशे या संस्‍थान के लिए हर महीने 30 करोड़ आने के भरोसे के कारण चुनाव में 25 से 40 करोड़ रुपये लगाना भी सस्ता सौदा लगता है।
चर्चाः पद के पाप का हिसाब-किताब । आलोक मेहता

चर्चाः पद के पाप का हिसाब-किताब । आलोक मेहता

सत्ताधारी सफलता के पुण्य का बखान जोर-शोर से करते हैं लेकिन पद के पाप कर्मों का हिसाब-किताब होने पर जांच, सबूत, कानून, न्याय और अंतिम फैसले का बहाना बनाने लगते हैं। महाराष्ट्र में भाजपा के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ खडसे ऐसा ही बहाना बनाकर मंत्री पद पर बने रहने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
चर्चा : ‘बंधु’ देखते रहे, दादाओं ने कब्जा जमाया। आलोक मेहता

चर्चा : ‘बंधु’ देखते रहे, दादाओं ने कब्जा जमाया। आलोक मेहता

राजनीति में चेहरे बदल जाते हैं, चरित्र नहीं बदल पा रहा है। इस बार राज्य सभा चुनाव के ‌लिए प्रदेशों से विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा चुने गए कुछ विवादास्पद उम्मीदवारों से यही साबित हो रहा है। विशेष रूप से राजनीति में सबसे हटकर ‘चाल-चरित्र’ का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से पार्टी के ‌लिए समर्पण भाव से काम करने वालों को तकलीफ हो सकती है।
जाने-माने हास्य अभिनेता रज्जाक खान का निधन

जाने-माने हास्य अभिनेता रज्जाक खान का निधन

हेराफेरी, राजा हिंदुस्तानी और बादशाह जैसी फिल्मों में अपने हास्य से लोगों का दिल जीतने वाले वरिष्ठ हास्य अभिनेता रज्जाक खान अब इस दुनिया में नहीं रहे। बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में उनका निधन हो गया।
चर्चाः परदेसी का दर्द जाने न कोई | आलोक मेहता

चर्चाः परदेसी का दर्द जाने न कोई | आलोक मेहता

परदेसी होने का आनंद बहुत दिखाई देता है लेकिन उनके दिल का दर्द आसानी से नहीं समझा जा सकता। भारत से जाकर परदेस में बसे भारतीयों पर हमें गौरव महसूस होता है।
चर्चाः अंकल ओबामा ‘पाक भतीजों’ को भी दें शिक्षा | आलोक मेहता

चर्चाः अंकल ओबामा ‘पाक भतीजों’ को भी दें शिक्षा | आलोक मेहता

बराक ओबामा पहले अमेरिकी राष्‍ट्रपति हैं, जिन्होंने हिरोशिमा जाकर 1945 में अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराए जाने की भयानक मानवीय गलती को स्वीकारा एवं विभीषिका में मारे गए लोगों के स्मृति स्‍थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। 70 साल बाद ही सही अमेरिकी शासक की ओर से की गई यह पहल दुनिया के लिए सबक है।
चर्चाः सर्जरी के लिए क्यों कांप रहे हाथ | आलोक मेहता

चर्चाः सर्जरी के लिए क्यों कांप रहे हाथ | आलोक मेहता

डॉक्टर नाजुक हालत में पहुंचे मरीज की सर्जरी के लिए कितने सप्ताह, महीने या वर्ष की प्रतीक्षा करवा सकते हैं? सरकारी मेडिकल संस्‍थान में डॉक्टरों और संसाधनों की कमी के कारण कुछ रोगों के आपरेशन के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
चर्चाः ‘चीयर्स’ सरकार के नाम | आलोक मेहता

चर्चाः ‘चीयर्स’ सरकार के नाम | आलोक मेहता

आईपीएल क्रिकेट में ‘चीयर्स गर्ल्स’ का आकर्षण जुड़ा होता है। इससे दर्शकों में उत्साह दुगुना होता है। इस बार आईपीएल से ज्यादा ‘चीयर्स शो’ बड़े-बड़े नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री, अफसर, व्यापारी जोर-शोर से कर रहे हैं।
चर्चाः जश्न के साथ याद रहे जिम्मेदारी | आलोक मेहता

चर्चाः जश्न के साथ याद रहे जिम्मेदारी | आलोक मेहता

असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल में ऊंचे जयघोष के साथ पांच साल के लिए चुनी सरकार के जश्न हो रहे हैं। दिल्ली और विभिन्न राज्यों में दशहरा-दीवाली की तरह मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ के लिए जारी धूमधाम लगभग 10 दिन चलने वाले सफलता उत्सव का शोर है।
चर्चाः असुरक्षित क्यों हैं सुरक्षा बल | आलोक मेहता

चर्चाः असुरक्षित क्यों हैं सुरक्षा बल | आलोक मेहता

केंद्रीय गृह मंत्रालय निरंतर दावा करता है कि जम्मू-कश्मीर सीमावर्ती क्षेत्र तथा नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा व्यवस्‍था पहले से अधिक मजबूत हो गई है। लेकिन विभिन्न इलाकों में सुरक्षा बलों पर हमलों में जवानों के मारे जाने की घटनाएं बढ़ना ऐसे दावों पर प्रश्न चिह्न लगाती हैं।
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