रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सुधार के बाद सरकार द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ का कहना है कि वह विदेशी कंपनियों के साथ न सिर्फ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है बल्कि अपने उत्पादों के निर्यात को भी तैयार है।
आर्थिक सुधारों को गति देते हुए सोमवार को मोदी सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआई पॉलिसी) में कई बड़े बदलावों का ऐलान किया। नागरिक उड्डयन और रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी गई है।
19 जून 1966 को बाल ठाकरे ने महाराष्ट्र में शिवसेना की स्थापना की थी। उन्होंने उस वक्त वादा किया था कि दल का उद़देश्य 80 फीसदी सामाजिक कार्य और 20 फीसदी राजनीति करना होगा। लेकिन शिवसेना की उधेड़बुन की राजनीति से यह आभास हो रहा है कि शिवसेना ने स्थापना के अपने स्लोगन को लगभग भुला दिया है। गठन के बाद से ही शिवसेना ने खुद को 100 फीसदी राजनीतिक पार्टी के तौर पर स्थापित किया है।
भारत के स्वदेशी बुनियादी प्रशिक्षण विमान हिन्दुस्तान टर्बो ट्रेनर..40 (एचटीटी..40) ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की उपस्थिति में प्रारंभिक उद्घाटन उड़ान भरी। दो सीटों वाले इस विमान का डिजाइन और विकास हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड ने किया है।
हथियारों की दलाली को लेकर लगभग 30 वर्षों तक राजनीति करने वालों ने आखिरकार दिमाग ही नहीं बदला, नियम-कानून भी बदल दिये। राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार ने हथियारों से सौदों में किसी भी तरह के दलाल और दलाली पर प्रतिबंधात्मक कड़ा कानून बना दिया था और दुनिया के देशों को कहा गया कि रक्षा संबंधी समझौते और खरीदी सीधे सरकारों के माध्यम से ही होगी।
विदेशी रक्षा कंपनियां अब सशस्त्र सेनाओं तथा सरकार को अपने उत्पादों के विपणन के लिए एजेंट नियुक्त कर सकती हैं। हालांकि इसके लिए निगरानी के कड़े प्रावधानों का प्रस्ताव किया गया है जिनमें कंपनी को अपने खातों को जांच के लिए सरकार को उपलब्ध कराना होगा।
गैर सरकारी संगठन क्राई :चाइल्ड राइट एंड यू: के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि मध्यप्रदेश में करीब सात लाख बच्चे मजदूर हैं। इनमें से तीन लाख बाल मजदूर या तो निरक्षर हैं या उनकी पढ़ाई-लिखाई मजदूरी करने की वजह से प्रभावित हो रही है।
अगले साल निर्धारित मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले शिवसेना नेतृत्व को गलत ढंग से पेश करती सोशल मीडिया पोस्टों के वायरल होने से भाजपा और शिवसेना के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि सोशल मीडिया पर ये पोस्ट भाजपा के खिलाफ शिवसेना की टीका-टिप्पणियों के जवाब में डाली गई हैं।
बम्बई उच्च न्यायालय ने एक तीखी टिप्पणी में शुक्रवार को कहा कि सेंसर बोर्ड को बहुत अधिक बाल की खाल नहीं निकालनी चाहिए ताकि फिल्म उद्योग में रचनात्मक लोग बढ़ सकें। अदालत ने इसके साथ ही कहा कि उड़ता पंजाब के निर्माताओं को अपशब्दों वाले एवं अश्लील दृश्यों को नरम करना चाहिए क्योंकि केवल इन्हीं से फिल्म नहीं चलती। न्यायमूर्ति एस. सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति शालिनी फनसालकर जोशी की एक खंड़पीठ ने कहा कि वह मामले पर 13 जून को आदेश पारित करेगी।