भारतीय जनता पार्टी ने कोयला खान आवंटन में गड़बड़ी पर बड़ा राजनीतिक जाल बिछाया और यह विवाद भी कांग्रेस पतन का कारण बना। भाजपा सत्ता में आ गई, लेकिन पिछले तीन वर्षों में कोयला कंपनियां कानूनी मामलों में फंस गईं और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) से बिजली संयंत्र खरीदने के उनके सौदे अधर में लटक गए।