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आत्मा के योग से राजबल के योग तक

आत्मा के योग से राजबल के योग तक

आंगन के पार पूरब में कमरे थे, कमरों के पार दालान। दालान के पार रास्ता था, रास्ते के पार आंवला, कनेर और बेल के पेड़ थे, फिर मेड़ की आड़। आड़ के पार पोखर था जिसके जल में आसमान में उगता गोल और सुर्ख सूरज टलमल करता था। पोखर के पार दादा जी (छोटे बाबा) की कुटी थी जिसमें एक कमरे के ऊपर उजियार कमरा था और नीचे अंधेरा तहखाना। कुटी के पार आमों के बाग थे, बाग के पार दूर तक खेत-सरेह। दूर सरेह के पार बडक़ी नहर की आड़ दिखती थी। लेकिन इस सुदूर विस्तार में हजारों, सैकड़ों या बीसियों तक क्या, इक्का-दुक्का भी समवेत योग नहीं होता था।
स्वामी भी नहीं दिला पाए आसाराम को बेल

स्वामी भी नहीं दिला पाए आसाराम को बेल

नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में जेल में बंद आसाराम की जमानत याचिका अदालत ने शनिवार को फिर खारिज कर दी। छठी बार आसाराम की जमानत याचिका ठुकराई गई है। जोधपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने 73 वर्षीय आसाराम की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के अपराध में आरोपी जमानत का हकदार नहीं है।
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