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बच्चों को खेल-खेल में विज्ञान सिखाने वाले प्रोफेसर यशपाल ने दुनिया को कहा अलविदा

बच्चों को खेल-खेल में विज्ञान सिखाने वाले प्रोफेसर यशपाल ने दुनिया को कहा अलविदा

भारत के मशहूर वैज्ञानिक और शिक्षाविद प्रोफेसर यशपाल का मंगलवार को उनके निवास स्थान नोएडा में निधन हो गया। वे 90 साल के थे। पद्म विभूषण से सम्मानित यशपाल का भारत में वैज्ञानिक प्रतिभाओं को निखारने में अहम योगदान रहा है।
प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने के लिए भारत को और वैज्ञानिकों की जरूरत: मोदी

प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने के लिए भारत को और वैज्ञानिकों की जरूरत: मोदी

आम लोगों के फायदे की खातिर प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने के लिए देश को और अधिक वैज्ञानिकों की जरूरत पर बल देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि 104 उपग्रहों का एक साथ प्रक्षेपण और एक नयी मिसाइल के सफल परीक्षण जैसी उपलब्धियों के माध्यम से हमारे वैज्ञानिकों ने राष्‍ट्र को गौरवान्वित किया और दुनिया भर में उनकी सराहना हुई है।
नदियों को बांधे-जोड़े बिना बाढ़-सूखे से बचने का नया विज्ञान खोजने की जरूरत

नदियों को बांधे-जोड़े बिना बाढ़-सूखे से बचने का नया विज्ञान खोजने की जरूरत

गंगा, यमुना, कृष्णा, कावेरी जैसी नदियों की अविरल धारा और निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए जल विशेषज्ञों ने तालाबों, छोटी नदियों को बचाने के कार्य से ग्राम पंचायतों को जोड़ने तथा नदियों को बांधे और जोड़े बिना बाढ़ और सूखे जैसी स्थिति से बचने का नया विज्ञान खोजने की जरूरत बतायी है।
विध्वंसक प्रौद्योगिकी के उदय पर नजर रखें वैज्ञानिकः मोदी

विध्वंसक प्रौद्योगिकी के उदय पर नजर रखें वैज्ञानिकः मोदी

मूलभूत विज्ञान से लेकर अनुप्रयोगिक विज्ञान तक की विभिन्न शाखाओं को समर्थन देने और नवोन्मेष पर जोर देने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने के साथ-साथ आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों से विध्वंसक प्रौद्योगिकियों के उदय पर नजर रखने के लिए भी कहा है।
दीनदयाल दर्शन की एक चाभी संघ, एक भाजपा के पास

दीनदयाल दर्शन की एक चाभी संघ, एक भाजपा के पास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में दीनदयाल उपाध्याय वाड्मय (15 खंड) का विमोचन किया। आम विमोचन से अलग इस समरोह में पुस्तकें सुनहरे वर्क में लिपटी हुई अतिथियों के हाथों में नहीं थीं। समारोह में दीनदयाल उपाध्याया वाड्मय के 15खंड एक बक्से में रख थे जिसके दो कपाटों पर ताला लगा था। एक कपाट पर लगा ताला मोदी ने खोला जबकि दूसरी ओर का भय्याजी जोशी ने। आज के कार्यक्रम का यही सबसे बड़ा संदेश था, जिसके निहितार्थ बहुत कुछ समझे जा सकते हैं।
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