वित्त मंत्री अरूण जेटली ने राज्यसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक जल्दी पारित करने का आज आह्वान करते हुए कहा कि इससे राज्यों को सेवा कर में भी हिस्सेदारी मिल सकेगी।
संसद के सोमवार से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में विपक्ष उसके शासित राज्यों में अस्थिरता की कथित कोशिशों और कश्मीर में अशांति को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। लेकिन जीएसटी विधेयक पर सरकार को विपक्ष के समर्थन की उम्मीद है।
जीएसटी विधेयक पर गतिरोध को खत्म करने के प्रयास के तहत केंद्रीय मंत्रियों अरूण जेटली और अनंत कुमार ने शुक्रवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा से मुलाकात की।
कांग्रेस ने संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किए गए 21 आप विधायकों की सदस्यता खत्म करने के साथ ही नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी इस्तीफा मांगा है।
भारत में उद्योग जगत के अग्रणी नेत्वकर्ताओं ने राय दी है कि लंबे समय से अटके वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार राजनीतिक सहमति बनाने पर ध्यान दे। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ पास आने के बीच उद्योग जगत के नेताओं ने सोमवार को कहा कि सरकार को अब जीएसटी पर आम सहमति बनाने और गैर विधायी सुधारों में गति लाने पर ध्यान देना चाहिए।
केंद्र के साथ विवाद का एक और मुद्दा उठाते हुए आप सरकार ने दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे पर आज एक मसौदा विधेयक जारी किया जिसमें पुलिस, जमीन तथा नौकरशाही को प्रदेश सरकार के तहत लाने का प्रावधान है। इसपर 30 जून तक आमजन के सुझाव मांगे गए हैं।
पाकिस्तान ने कश्मीर के नक्शे से संबंधित भारतीय संसद के मसविदा विधेयक पर संयुक्त राष्ट्र में गहरी चिंता जताई है। पाकिस्तान ने वैश्विक संस्था से कहा है कि वह अपने प्रस्तावों को बरकरार रखे और भारत को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने वाले इन कृत्यों को बंद करने के लिए कहे।
राष्ट्रपति द्वारा हाल ही में संसद द्वारा पारित किए गए एक विधेयक को मंजूरी देने के साथ ही अब दाढ़ी और केश कटा चुके, धूम्रपान करने वाले या शराब पीने वाले लोग सिखों के धार्मिक निकायों के चुनाव में वोट नहीं डाल सकते।
कार्यपालिका पर न्यायपालिका की ओर से की जाने वाली टिप्पणियों को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा ने लोकसभा में आज कड़ा रूख अपनाया और अदालतों द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद आदि पर की जाने वाली टिप्पणियों पर रोक लगाने या उसकी कोई सीमा तय करने की मांग की।
बिहार सरकार के राज्य में पूर्ण शराबबंदी के फैसले के खिलाफ एक दिन बाद बुधवार को पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने इसे सरकार द्वारा खाने पीने के मानवाधिकार का उल्लंघन बताया है।