Advertisement

लोकसभा से पारित हुआ आधार संशोधन विधेयक, जानें क्या है इस बिल में

लोकसभा ने गुरुवार को ‘आधार और अन्य विधियां (संशोधन) विधेयक 2019’ को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें बैंक में...
लोकसभा से पारित हुआ आधार संशोधन विधेयक, जानें क्या है इस बिल में

लोकसभा ने गुरुवार को ‘आधार और अन्य विधियां (संशोधन) विधेयक 2019’ को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें बैंक में खाता खोलने, मोबाइल फोन का सिम लेने के लिये आधार को स्वैच्छिक बनाया गया है।

लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार को सुरक्षित बताते हुए आश्वासन दिया कि सरकार जल्द ही डेटा संरक्षण विधेयक लायेगी और इसकी प्रक्रिया जारी है।

प्रसाद ने कहा कि आधार संशोधन विधेयक उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में लाया गया है। आधार पर देश की करोड़ों जनता ने भरोसा किया है।

उन्होंने कहा कि इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी के पास आधार नहीं होने की स्थिति में सेवा से वंचित नहीं किया जा सकता है। इस बारे में कोई सूचना जाहिर करने के लिये धारक से अनुमति प्राप्त करनी होगी।

डेटा संरक्षण कानून बनाने की दिशा में कार्य प्रगति पर

प्रसाद ने कहा, ‘‘ डेटा संरक्षण कानून बनाने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। 2 वर्षो से व्यापक चर्चा चल रही है। भारत डेटा संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है।’’ उन्होंने कहा कि आधार की पूरे देश में चर्चा हो रही है और इसे सभी का समर्थन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में करोड़ों लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए अध्यादेश लाया गया।

सदन ने एन के प्रेमचंद्रन, औवैसी और थरूर के संशोधनों को किया अस्वीकार

मंत्री के जवाब के बाद सदन ने एन के प्रेमचंद्रन, असदुद्दीन औवैसी और शशि थरूर के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार संशोधन विधेयक चर्चा एवं पारित होने के लिये पेश किया और कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के संज्ञान में यह विधेयक लाया गया है तथा यह सुरक्षित है जिसकी उपयोगिता को देश की जनता ने भी स्वीकार किया है।

आधार यूपीए के समय था निराधार

उन्होंने कहा कि आधार यूपीए सरकार के समय आरंभ हुआ, लेकिन उस वक्त वह निराधार था और मोदी सरकार ने इसे कानून बनाया। प्रसाद ने कहा कि देश में 69 करोड़ मोबाइल फोन कनेक्शन आधार से जुड़े हुए हैं। उन्होंने आधार को सुरक्षित करार देते हुए कहा कि देश की जनता ने आधार की उपयोगिता को स्वीकार किया है।

संशोधन में यह भी शामिल

विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद यह इस संबंध में सरकार द्वारा लाये गये अध्यादेश की जगह ले लेगा। इस विधेयक में प्राधिकरण द्वारा इस तरह की रीति में बारह अंकों की आधार संख्या तथा इसकी वैकल्पिक संख्या प्रदान करने का उपबंध करने का प्रावधान है, जैसी किसी व्यक्ति की वास्तविक आधार संख्या को छिपाने के लिये विनियमों द्वारा तय किया जाए। इसके माध्यम से आधार संख्या धारण करने वाले बच्चों को 18 साल की आयु पूर्ण करने पर अपनी आधार संख्या रद्द करने का विकल्प देना है।

इसके जरिये ऑफलाइन सत्यापन या किसी अन्य ढंग द्वारा भौतिक या इलेक्ट्रानिक रूप में आधार संख्या के स्वैच्छिक उपयोग करने का उपबंध करना है जिसे केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया जायेगा। आधार संख्या के ऑफलाइन सत्यापन का अधिप्रमाणन केवल आधार संख्या धारक की सहमति से ही किया जा सकता है अधिप्रमाणन से इंकार करने या उसमें असमर्थ रहने पर सेवाओं से इंकार का निवारण भी शामिल है । इसके तहत भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण निधि की स्थापना का प्रावधान किया गया है।

 इनपुट एजेंसी

 

 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad