बड़ी-बड़ी उम्मीदों और वादों के साथ केंद्र की सत्ता में आई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपना एक साल पूरा करने जा रही है। इस मौके पर सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एक साल के दौरान अपने वादों और नारों पर खरे उतर पाए? इस एक साल में उनका रिपोर्ट कार्ड कैसा रहा? अगर आर्थिक नजरिये से देखा जाए तो मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड बी ग्रेड का कहा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज एक मंच पर नजर आए। दोनों ने अतीत की कटुता भूलाकर अप्रत्याशित गर्मजोशी दिखाई, जिसके कई राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि तेल एवं गैस उत्खनन करने वाली ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसी सरकारी कंपनियों का शुद्ध मार्जिन कच्चे तेल के दामों में कमी के कारण घट गया है, लिहाजा उन पर वित्तीय बोझ कम किया जाना चाहिए।
रोमांचपसंद डेवरेला मर्फी ने सन 1965 में साइकिल पर आयरलैंड से भारत की यात्रा की थी। इसी यात्रा के अनुभव को उन्होंने अपनी पुस्तक ‘फुल टिल्ट’ में लिखा है।
बंद होने की चुनौती से जुझ रही ग्रीनपीस इंडिया के पास अपने अस्तित्व को बचाने के लिये सिर्फ एक महीना है। संस्था के पास अपने कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्चों के लिये सिर्फ महीने भर का पैसा बचा है। गृह मंत्रालय की कार्रवाई को ‘चुपके से गला घोंटने’ जैसा बताते हुए ग्रीनपीस इंडिया ने मंत्रालय को चुनौती दी है कि वो मनमाने तरीके से दंड लगाना बंद करे और इस बात को स्वीकार करे कि वो ग्रीनपीस इंडिया को उसके सफल आंदोलनों की वजह से बंद करना चाह रहा है।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि विदेशी निवेश को आकर्षित करने और कोरपोरेट को करों में भारी छूट देने वाली मोदी सरकार की नीतियां कामयाब नहीं होंगी क्योंकि इससे उत्पादन क्षमता पैदा नहीं होगी और लोगों के पास क्रय शक्ति नहीं है।
एक हिंदी कहावत है, देर आए दुरुस्त आए। लगता है सुष्मिता सेन को यह कहावत अब पता लगी है। हालांकि यह कहावत का कमाल है या बॉलीवुड में अंगूर खट्टे हो चले हैं, यह तो वही जानें लेकिन खबर है कि वह एक बांग्ला फिल्म में काम करने जा रही है।
दुनिया भर में पेट्रोलियम पदार्थों के गिरते दामों की शिकार भारत में अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांता लिमिटेड भी हो गई है। एक सप्ताह पहले तक सेसा स्टरलाइट के नाम से जानी जाने वाली कंपनी ने भारतीय कारोबारी जगत में अब तक के सबसे बड़े करीब 20 हजार करोड़ रुपये के गुडविल नुकसान की घोषणा की है।
दिसंबर 2013 दंगा मामले में देश के 25 आरोपियों में से अंतिम भारतीय की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील और पुलिस के बीच सबूतों को लेकर तीखी बहस हुई और वकील ने एक पुलिस अधिकारी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।