मथुरा के जवाहर बाग पर दो साल से सत्याग्रह के नाम पर कब्जा जमाने वाले रामवृक्ष यादव का जब असली चेहरा सामने आया तो उसके साथ रहने वाले भी अब कहते हैं कि नहीं जानते।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की याचिका सोमवार को खारिज कर दी जिसमें उन्होंने रियो ओलंपिक में पुरूषों की 74 किलो फ्रीस्टाइल स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व तय करने के लिये भारतीय कुश्ती महासंघ को चयन टायल के आयोजन का निर्देश देने की मांग की थी।
मथुरा के जवाहर बाग पर अवैध कब्जा करने वालों के साथ पुलिस की गुरूवार को हुई मुठभेड़ में घायल दो और लोगों की मौत हो जाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 29 हो गई। रविवार को अलीगढ के संभागीय आयुक्त ने इस भयावह गोलीकांड की जांच शुरू कर दी है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में हुए हिंसक बवाल के मुख्य सूत्रधार रामवृक्ष यादव की मौत हो गई है। जवाहरबाग में पुलिस और अतिक्रमणकारियों के बीच हुए खूनी तांडव के बाद रामवृक्ष यादव के लापता होने की खबर थी। शनिवार देर शाम अधिकारियों ने यादव के मारे जाने की पुष्टि कर दी है।
मथुरा स्थित जवाहर बाग खाली कराने पहुंची पुलिस और सत्याग्रहियों के बीच टकराव का मास्टर मांइड रामवृक्ष यादव जिंदा है या मर गया इसको लेकर संदेह बरकरार है। हालांकि सूत्रों का दावा है कि रामवृक्ष जिंदा है और अपने साथियों के साथ मौके से भाग गया।
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सुरेश प्रभु, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, जदयू नेता शरद यादव तथा तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक तथा द्रमुक के सभी प्रत्याशी नामांकन वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने के बाद आज राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए। वहीं कई राज्यों में पार्टी प्रत्याशियों की सांसें अभी अटकी हुई हैं। इन राज्यों में सीट से अधिक उम्मीदवार हो जाने की वजह से अंतिम फैसला 11 जून को मतदान के जरिये होगा।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय खेल संहिता और केंद्र के अनुसार भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के लिए रियो ओलंपिक 2016 में पहलवानों के चयन के लिए ट्रायल कराना अनिवार्य नहीं है। फिर भी अदालत ने कहा कि उसने इस मामले में लंबी बहस सुनी है और वह फैसला देगी। उसने खिलाड़ी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित जवाहर बाग में दो पुलिस अधिकारियों समेत 24 लोगों की मौत के पीछे रामवृक्ष यादव की भूमिका मानी जा रही है जो कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के मरदह का रहने वाला है। सत्याग्रह के नाम पर रामवृक्ष ने मथुरा के जवाहर बाग में करीब 280 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था।
तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की दूसरी बार शपथ ली तो इसमें नीतीश कुमार, लालू यादव, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव भी मौजूद थे।