हंसाना दुनिया का सबसे कठिन काम है। लव स्टोरी में तो सच में बहुत कठिन। लेकिन तिवारी दंपती ने मिल कर बहुत सारे चेहरों पर मुस्कान ला दी है। मीठी-मीठी बर्फी सही जम गई है, भाईसाब!
आम आदमी को तो छोड़िए न्यूटन को भी शायद ईवीएम पर भरोसा नहीं है। ऐसा कयास इसलिए क्योंकि टेलेंटेड राजकुमार राव अपनी अगली फिल्म के पोस्टर में ईवीएम लेकर भाग रहे हैं। पोस्टर पर लिखा है, सीधा आदमी उल्टी दुनिया।
सीबीआई की विशेष अदालत ने आज कोयला घोटाले से जुड़े एक मामले में फैसला दिया है। अदालत ने इस मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, केएसएसपीएल कंपनी के एमडी पवन अहलूवालिया और संयुक्त सचिव क्रोफा को कई धाराओं के तहत दोषी ठहराया है।
मैकेंजी कंपनी के पूर्व प्रमुख रजत गुप्ता का मानना है कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग में दबाव में है। इसका कारण यह है कि इस क्षेत्र में तकनीक काफी आगे बढ़ गई है जबकि इसमें यहां निवेश नहीं किया गया है। न्यूयॉर्क में एनजीओ प्रथम द्वारा आयोजित एक चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि जिस गति से आईटी क्षेत्र में परिवर्तन हो रहे हैं भारत उसमें शामिल नहीं हो पा रहा है।
ट्रैप्ड हिंदी सिनेमा के लिए नई तरह की फिल्म है। विक्रमादित्य मोटवानी कुशल निर्देशकों की कतार में शामिल हैं। इस बार बिना गाने, कम संवाद और लगभग तामझाम वीहिन एक प्रयोगधर्मी फिल्म उनके खाते में है।
दो फिल्मों के टकराने में इस बार शाहरूख खान और ऋतिक रोशन भिड़ गए हैं। दोनों ही अलग-अलग जॉनर की फिल्में हैं और दोनों की कलाकारों की अपनी फैन फॉलोइंग है। यह अलग बात है कि शाहरूख उसमें रितिक से बीस ही बैठेंगे।
रेलवे की खान पान नीतियों को लेकर समाजसेवी मेधा पाटेकर ने कई सवाल उठाए है। मेधा पाटेकर ने कहा कि रेलवे की नई कैटरिंग पालिसी एक तरह से रेलवे को निजीकरण की राह पर ले जाने वाला है। उन्होंने इस वर्ष से रेल बजट को मुख्य बजट के साथ समायोजित किये जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा किस इस कदम से रेलवे की स्वतंत्रता को समाप्त किया जा रहा है।
भाजपा सांसद राजकुमार सैनी एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। उन्होंने हरियाणा में अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि हरियाणा एक खुली जेल में बदल गया है जहां 36 में से 35 बिरादरी के लोग घुटकर जी रहे हैं।
हरियाणा के कुरूक्षेत्र से भाजपा के बागी सांसद राजकुमार सैनी पलटी मार गए। उम्मीद से उलट ‘समानता सम्मेलन’ में उन्होंने पार्टी को लेकर ऐसी कोई बात नहीं की जिससे पार्टी हाईकमान को उनके विरूद्ध कार्रवाई का मौका मिल सके। इसके उलट सम्मेलन में अन्य दिनों के मुकाबले वह अधिक संयमित दिखे और कई बार प्रधानमंत्री की तारीफ में जुमले भी उछाले।