भारत समेत पूरी दुनिया में कुएं, तालाब,बावड़ियां सूख रही हैं,नदियां सिकुड़ रही हैं, जंगल काटे जा रहे हैं और वन्य जीव लुप्त हो रहे हैं। एक ओर प्रकृति बचाने के लिए विश्व स्तर पर सेमिनार आयोजित हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर पश्चिमी राजस्थान (थार) के कुछ इलाकों में बिश्नोई समुदाय के लोगों का जीवन प्रकृति को जिंदा रखने की नायाब मिसाल है। कुछ दिन इन लोगों के बीच रहकर करीब से इनकी जिंदगी देखने का मौका मिला।
गाय को पवित्र कब से माना गया और क्यों माना गया, यह व्यापक विवाद और विमर्श का विषय है। इस बात पर भी भयंकर मतभेद है कि प्राचीन सभ्यताएं गोमांस को स्वीकृति देती थीं और भारत के आदिकालीन निवासी अपने खान-पान में उसे शामिल करते थे। आर्ष ग्रंथों में आई उन बातों को भी अब कोई नहीं सुनता है कि किसी जमाने में गौमेध यज्ञ भी हुआ करते थे। अब जब गाय को पवित्र मान कर उसे मां का दर्जा दे ही दिया गया है और उसे आस्था की वस्तु बनाकर आलोचना से परे रख दिया गया है तो उस पर बहस की कोई गुंजाईश रही ही कहां है। अब तो ‘वन्दे धेनुमातरम‘ और ‘जय गोमाता‘ कहो, गोकथा कराओ, गोदूध महोत्सव मनाओ, गोशाला चलाओ, गोमंदिर बनाओ, गोकुल धाम निर्मित करो और गोअनुसंधान एवं गोरक्षा के नाम पर तरह-तरह के संगठन और सेनाएं बनाकर जमकर हंगामा मचाओ। आज गाय के नाम पर सब कुछ जायज है क्योंकि गाय हमारी माता है, गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है, यह पुण्य का काम है।
सत्ता में आने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी के साथ कोई न कोई विवाद चल ही रहा है। केंद्र की बात छोड़ भी दें तो इसकी राज्य सरकारें लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर रही हैं। मध्य प्रदेश में व्यापमं, राजस्थान में ललित मोदी प्रकरण, महाराष्ट्र में पंकजा मुंडे पर लगे आरोपों के बाद अब ताजा मामला है गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल का।
झाबुआ के पेटलवाद में डिटोनेटर का अवैध कारोबार सौ के करीब जिंदगियां लील गया। सिलसिला थमा नहीं है। झाबुआ कांड से भी अगर सरकार नहीं जागती है तो राजस्थान के अरावली क्षेत्र में झाबुआ कांड होते देर नहीं लगेगी। एक तरह से बारूद के ढेर पर बैठा है यह इलाका। खनन का विरोध करने वाले गांववासी हजारों दफा शिकायत कर चुके हैं। डिटोनेटर के कई ट्रक पकड़वा चुके हैं। यहां तक कि इस इलाके में जाने पर डिटोनेटर की पेटियां खुले में यहां-वहां पड़ी मिल जाती हैं लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन बिल्कुल मूक हैं। गांववासियों की कोई सुनवाई नहीं।
हरियाणा में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता को अनिवार्य करने वाले हरियाणा सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने नए प्रावधानों की वैधानिकता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई के बाद हरियाणा सरकार से जवाब मांगते हुए यह रोक लगाई है।
भारत में मानसून वस्तव में आनंद की गाथा है, चिलचिलाती गर्मी से राहत का एहसास है और सही मायनों में सौंदर्य का प्रतीक। हम कुछ ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं जहां धरती पर टिप-टिप गिरती बूंदों का आनंद उठाया जा सकता है और बारिश से गीली मिट्टी की सुगंध ली जा सकती है।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अभिनेता सलमान खान की एक याचिका को मंजूर कर बॉलीवुड के दबंग को थोड़ी राहत दी है। इस याचिका में खान ने गवाहों के पुनर्परीक्षण किए जाने की इजाजत मांगी थी।