दिल्ली में रहने वालीं 46 वर्षीय गृहिणी अंशु जैन डायबिटीज की मरीज थीं तथा वे डायपरटेंशन, डायसिलिपिडीमिया, अनिद्रा, खर्राटे आना, असंयमित तनाव, अंगों में समस्या तथा सरसोडिसिस से पीड़ित थीं। उनका वजन 127 किलो ग्राम ;बीएमआई 46 था, जब उन्होंने मोटाबोलिक व बेरिएटिक सर्जरी नवंबर 2012 में कराई। केवल 18 महीनों में उन्होंने 39 किलोग्राम वजन कम किया, उनके शरीर का भार 88 किलोग्राम तक आ गया और बीएमआई 30 पर आ गया। उनकी डायबिटीज की समस्या हल हो गई, साथ ही अन्य सहरुग्ण रोगों में भी कमी आई।
भारत में चिकित्सा शोध की स्थिति हमेशा विकसित देशों के मुकाबले पिछड़ी रही है। कई गंभीर बीमारियां पूरे देश में फैल जाती हैं और उसपर नियंत्रण में खासा समय लग जाता है। ऐसे में देश में चिकित्सा शोध के लिए जिम्मेदार सरकारी विभाग चिकित्सा अनुसंधान विभाग (डीएचआर) एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पर बड़ी जिम्मेदारी आती है। आउटलुक ने आईसीएमआर की उपलब्धियों एवं चुनौतियों के बारे में परिषद की महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन से विस्तृत बातचीत की। पेश हैं अंशः