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भेड़ चराने वाली जन्नत बानो ऐसे बनी सोलर मैकेनिक
जयपुर-अजमेर के बीच गांव अछोकड़ा की चालीस वर्षीय जन्नतबानो आज से पांच साल पहले भेड़ें चराने का काम करती थी। गांव के किसी भी गरीब परिवार के ताने-बाने जैसी ही थी जन्नतबानों की पारिवारिक कहानी भी लेकिन भेड़ चराने को अपनी किस्मत न मानकर उसने वो किया, जिसे औरतें बहुत कम करती हैं। अपनी कोशिशों और लगन से आज वह गांव की सोलर मैकेनिक बन गई है।