संघ की मुस्लिमों के बीच काम करने वाली शाखा-मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेता इंद्रेश कुमार ने मुस्लिमों से अपील की है कि वे गोश्त खाना छोड़ दें क्योंकि यह बीमारियों का घर है।
पशु बाजार संबंधित केन्द्र के फैसले को लेकर विवाद जारी है। इस बीच आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने गौहत्या पर लगाई गई पाबंदी पर केंद्र सरकार का समर्थन किया।
राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा के मोर और मोरनी वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर मजाक बनाया जा रहा है। जज ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के पक्ष में तर्क देते हुए कहा था कि मोर आजीवन ब्रह्मचारी रहा है।
गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने के बयान से चर्चा में आए राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा ने अब कहा कि मोर को इसलिए राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया, क्योंकि वह ब्रह्मचारी होता है। बिना मैथुन क्रिया के ही मोर आपने आंसुओं से मोरनी को गर्भवती कर देता है।
भारत और रोमानिया के बीच बेहद करीबी और मजबूत संबंध हैं। इस बात का अंदाजा रोमानिया के स्कूलों में 11वीं कक्षा के बच्चों को रामायण और महाभारत के अंश पढ़ाए जाने से भी लगाया जा सकता है।
आम आदमी पार्टी से निष्कासित पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा अब केजरीवाल के बताए रास्ते पर चल पड़े हैं। जिस तरह शुरूआती दौर में केजरीवाल दिग्गज नेताओं पर आरोपों की झड़ी लगाते रहे हैं उसी नक्श-ए-कदम पर कपिल को भी देखा जा सकता है। कपिल ने भी एक पत्र के माध्यम से इसे स्वीकार किया है।
हाल ही में फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड की गई है जिसमें एक बच्ची रामायण की कहानी सुनाती दिखाई दे रही है। दो मिनट के इस वीडियो को काफी पसंद और शेयर किया जा रहा है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने आज वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल को लेकर आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्री श्री रविशंकर के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है। श्री श्री रविशंकर ने आर्ट ऑफ लिविंग को सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन की अनुमति देकर यमुना क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए सरकार और हरित पैनल पर आरोप लगाए थे।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने आर्ट ऑफ लिविंग (एओएल) के संस्थापक श्री श्री रविशंकर के उस बयान को स्तब्ध करने वाला बताकर एनजीओ को आज लताड़ लगाई जिसमें उन्होंने यमुना के डूब क्षेत्रों को हुए नुकसान के लिए केंद्र एवं हरित पैनल को दोषी बताया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आपको जिम्मेदारी का कोई एहसास नहीं है। आपको बोलने की आजादी है तो क्या आप कुछ भी बोल देंगे। यह स्तब्ध करने वाला है।