दिवाली पर्व के लिए यात्रियों की भारी-भरकम भीड़ को देखते हुए मध्य रेलवे कई गंतव्यों के बीच विशेष ट्रेनें चलाएगी, ताकि लोगों को सफर के दौरान परेशानियों को सामना न करना पड़े।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने ललितपुर रेलवे स्टेशन पर खजुराहो पैसेंजर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। गौर हो कि यह वही ट्रेन है, जिसे 26 अप्रैल 2013 को केंद्रीय राज्यमंत्री प्रदीप जैन ने ललितपुर में ही हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। हालांकि इस बार ट्रेन की पट्टी बदल दी गई है।
देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के प्रयास के बीच आए एक शोध में कहा गया है कि ट्रेनों में बायोडाइजेस्टर शौचालय लगाने के जटिल कार्य की सफलता रेलवे को स्वच्छ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। गांंधी शांति प्रतिष्ठान द्वारा हाल में प्रकाशित किताब जल थल मल के अनुसार, रेल की पटरी पर शौच निस्तारण को लेकर न्यायालय अक्सर अधिकारियों को फटकार लगाता है। लेकिन समाज में फैली विषमताओं के चलते निकट भविष्य में हर किसी को शौचालय मुहैया होना नामुमकिन है।
श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंपोर इलाके में स्थित एक सरकारी इमारत में छिपे आतंकियों के साथ आज लगातार दूसरे दिन सुरक्षा बलों की मुठभेड़ जारी है। वहीं दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में एक सीआरपीएफ गश्ती दल पर आज ग्रेनेड से हमला किया गया जिसमें दो जवानों समेत नौ लोग घायल हो गए।
पूजा और दिवाली के दौरान यात्रिायों की अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए मध्य रेलवे (सीआर) पुणे और जयपुर, वाराणसी एवं जम्मू तवी के बीच 32 विशेष ट्रेनों का संचालन करेगा।
तेज रफ्तार रेलवे के क्षेत्र में भारत समेत वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा के लिए बड़ी दावेदारी पेश कर रहे चीन ने देश में 20,000 किमी के ट्रैक नेटवर्क का निर्माण पूरा कर लिया है, जो दुनिया का सबसे लंबा बुलेट ट्रेन नेटवर्क है।
भारत की आजादी के समारोह को बाधित करने की कोशिश आतंकवादी हर वर्ष करते हैं और उन्हें हर बार मुंह की खानी पड़ती है। इस बार भी आतंकी अपनी कोशिश से बाज नहीं आए हैं और इस बार भी उन्हें भारतीय सुरक्षा बलों से टकराना पड़ा है।
पाकिस्तान आए दिन कोई न कोई नई हरकत करते रहता हैै जिससे भारत के साथ उसके संबंधों को सुधारने की दिशा में झटका लगता है। अब पाकिस्तान कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के द्वारा मारे गए हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी को नायक की तरह पेश कर रहा है।
मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने 16 साल बाद मंगलवार को रोते हुए अपनी भूख हड़ताल खत्म की। इस अवसर पर बेहद भावुक इरोम ने कहा कि अब वह अपने संघर्ष की रणनीति में बदलाव करते हुए राजनीति में उतरना चाहती हैं।