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Search Result : "सौंदर्य स्पर्धाएं"

गर्मियों में ऐसे रखें त्वचा का ध्यान

गर्मियों में ऐसे रखें त्वचा का ध्यान

गर्मियों में आंतरिक सौंदर्य बनाए रखने के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता बनाए रखना जरूरी है। गर्मियों में तापमान की वजह से शरीर में से काफी मात्रा में तरल पदार्थ कम हो जाते हैं। इनकी शरीर में बराबर उपलब्धता बनाए रखने के लिए कम से कम 6 से 8 गिलास पानी पीना चाहिए। गर्मियों में अत्याधिक पसीने से शरीर में तरल पदार्थो की कमी हो जाती है।
हरियाणा में हो रही गाय की सौंदर्य प्रतियोगिता

हरियाणा में हो रही गाय की सौंदर्य प्रतियोगिता

लगता है गाय को लेकर भारतीय जनता पार्टी कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गई है। भारतीय नस्ल की गाय के संरक्षण और संवर्धन के लिए हरियाणा सरकार महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इस कार्यक्रम के तहत भारत की परंपरागत देसी नस्लों की गाय को प्रोत्साहन देने के लिए हरियाणा के रोहतक में देसी गौवंश सौंदर्य प्रतियोगिता शुरू हो चुकी है। दो दिन चलने वाली इस प्रतियोगिता के दूसरे दिन यानि शनिवार सात मई को फैशन शो की तर्ज पर देसी गाय रैंप पर होंगी।
हजार साल पुरानी मस्जिद ने महिलाओं के लिए खोले अपने दरवाजे

हजार साल पुरानी मस्जिद ने महिलाओं के लिए खोले अपने दरवाजे

केरल के कोट्टायम में ताझाथानगेडी में अपनी वास्तुकला और काष्ठ कला के लिए प्रसिद्ध एक हजार साल पुरानी मस्जिद ने मुस्लिम महिलाओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं।
दीवाली पर दमकिएः शहनाज हुसैन

दीवाली पर दमकिएः शहनाज हुसैन

त्योहारों का मौसम है। दीवाली आ रही है। इस मौसम में घर तो सजाएं ही साथ ही खुद को संवारना न भूलें। खूबसूरती में चार चांद के लिए यह नुस्खे अपनाएं-
जूस में है खूबसूरती का राज

जूस में है खूबसूरती का राज

आंतरिक स्वास्थ्य और बाहरी सौंदर्य एक सिक्के के दो पहलू हैं। आंतरिक स्वास्थ्य का प्रभाव शरीर की त्वचा और बालों पर साफ तौर पर देखा जा सकता है। निखरी त्वचा और घने चमकीले बाल अच्छे आंतरिक सौंदर्य का सूचक होते हैं। शरीर को आवश्यक पोषक तत्व पहुंचाने का सरल तरीका है ताजा फल और सब्जियां। वे हमें विटामिन, मिनरल, एंजाईंम देते हैं।
डॉ. जमुना पई की किताब का विमोचन

डॉ. जमुना पई की किताब का विमोचन

देश की जानी मानी त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. जमुना पई की पहली पुस्तक, ‘नो वन हैज टू नो’ का विमोचन प्रकाशक हार्पर कॉलिंस और सूर्या होटल ने किया। इस मौके पर अलग-अलग विधाओं से जुड़े कई लोगों ने शिरकत की।
भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

बाज़ार को बेचने हैं सौंदर्य को बढ़ाने वाले संसाधन इसलिए ‘च्‍वाइसेस’ या विकल्‍पों की बात हो रही है। लेकिन मुझे परेशानी इस बात से ज्यादा है कि वही स्त्री जब भारत के सड़कों, गलियों, खेतों, खलिहानों, कस्बों में बलत्कृत, क्षत-विक्षत मृत शरीर के रूप मे पाई जाती है। तब ना आपको उस पर बात करने से गुरेज है और ना उसका छायांकन करने में। लेकिन वही स्त्री जीवित अवस्था में अपने उसी शरीर पर हक की बातें करती है तो आपको 'परिवार व्यवस्था' से लेकर 'स्त्री देवी' के भ्रम के टूटने की धमक सुनाई देने लगती है।
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