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Search Result : "हिंदी के एक्टिविस्ट संपादक प्रभाष जोशी का निधन"

नायक और खलनायक का फर्क मिटाने वाले विनोद खन्ना नही रहे

नायक और खलनायक का फर्क मिटाने वाले विनोद खन्ना नही रहे

बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और राजनेता विनोद खन्ना ने गुरुवार को सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। उन्होंने बॉलीवुड की करीब 140 फिल्मों में काम किया। गुरदासपुर से 4 बार भाजपा के सांसद रहे। उनके परिवार ने बताया कि शरीर में पानी की कमी होने के कारण विनोद खन्ना पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे, जिसके कारण उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां कई डॉक्टरों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। वे कैंसर से भी पीड़ित थे।
क्या वाकई राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सिर्फ हिंदी में देंगे भाषण? जानिए पूरा सच

क्या वाकई राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सिर्फ हिंदी में देंगे भाषण? जानिए पूरा सच

राजभाषा पर बनी संसदीय समिति की 9वीं रिपोर्ट की ज्यादातर सिफारिशें राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मान ली हैं। लेकिन इन सिफारिशों को जिस तरह प्रचारित किया जा रहा है, उससे हिंदी का भला कम, नुकसान ज्यादा हो सकता है। भाषाई वर्चस्व के जिन आरोपों से उबरने में हिंदी को कई दशक लगे, ऐसे खबरेें उन्हें फिर से जिंदा कर सकती हैं।
बाबरी मस्जिद मामला: आडवाणी, जोशी सहित 13 नेताओं पर चलेगा मुकदमा

बाबरी मस्जिद मामला: आडवाणी, जोशी सहित 13 नेताओं पर चलेगा मुकदमा

सर्वोच्च न्यायालय ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कई बड़े नेताओं पर साज़िश का मुकदमा चलाने का निर्णय दिया है। न्यायालय के इस आदेश के बाद अब भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह समेत 13 नेताओं पर साज़िश की धारा में मुकदमा चलाया जाएगा।
‘बेगम जान’ के सामने बंगाली जादू को हिंदी में उतारने की चुनौती

‘बेगम जान’ के सामने बंगाली जादू को हिंदी में उतारने की चुनौती

भारतीय हिन्दी फिल्म निर्माता और निर्देशक महेश और मुकेश भट्ट ने इस बार श्रीजीत मुखर्जी को उन्हीं की फिल्म 'राजकहिनी' हिंदी में बनाने की जिम्मेदारी दी थी, जो उन्होंने ‘बेगम जान’ बनाकर पूरी कर ली है। बांग्ला भाषा में बनी फिल्म ‘राजकाहिनी’ वर्ष 2015 में रिलीज हुई थी। हिंदी सिनेमा ने इससे पहले भी कई भारतीय भाषाओं की हिट फिल्मों का रिमेक किया है।
यतीन्द्र मिश्र को मिलेगा ‘स्वर्ण कमल’ सम्मान

यतीन्द्र मिश्र को मिलेगा ‘स्वर्ण कमल’ सम्मान

भारत सरकार के फिल्म समारोह निदेशालय ने यतीन्द्र मिश्र को ‘स्वर्ण कमल’ सम्मान से नवाजने का निर्णय लिया है। हिंदी कवि, संपादक और संगीत अध्येता मिश्र को यह सम्‍मान देने की घोषणा बीते सात अप्रैल को की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने आडवाणी, जोशी के खिलाफ याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने आडवाणी, जोशी के खिलाफ याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने आज उस याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा जिसमें बाबरी मस्जिद ढहाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं के खिलाफ साजिश के आरोप बहाल करने की मांग की गई है।
बाबरी विध्वंंस मामला: आडवाणी समेत भाजपा नेताओं के खिलाफ केस चलाने की मांग

बाबरी विध्वंंस मामला: आडवाणी समेत भाजपा नेताओं के खिलाफ केस चलाने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को विवादित बाबरी ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से लालकृष्ण आडवाणी समेत भाजपा के 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत केस चलाने की मांग की गयी।
पंजाब के पूर्व मंत्री गुरदेव सिंह बादल का निधन

पंजाब के पूर्व मंत्री गुरदेव सिंह बादल का निधन

पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता गुरदेव सिंह बादल का आज सुबह निधन हो गया। गुरदेव 85 साल के थे और उनके परिवार में दो बेटा और एक बेटी है। लंबे समय से बीमार चल रहे गुरदेव सिंह बादल ने आज दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में आखिरी सांसे लीं।
मणिपुर के लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों ने कसी कमर

मणिपुर के लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों ने कसी कमर

पांच राज्यों के चुनाव नतीजों वाले दिन सारा फोकस तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड पर ही केंद्रित रहा जहां भाजपा की दो और कांग्रेस की एक राज्य में जोरदार वापसी हुई है। इस गहमागहमी ने दो छोटे राज्यों पर लोगों का ध्यान नहीं गया जहां जनता ने किसी को भी साफ बहुमत नहीं दिया। भाजपा ने पूर्वोत्तर से कांग्रेस को साफ करने के अपने अभियान के तहत इस बार मणिपुर में पूरा जोर लगाया था और उसे 60 में से 21 सीटें भी मिली मगर पार्टी बहुमत से 10 सीटें दूर रह गई। दूसरी ओर राज्य में लगातार जीत रही कांग्रेस पार्टी भी 28 सीटें जीतकर बहुमत से तीन सीटें दूर खड़ी है। खास बात यह है कि यहां सत्ता की चाबी तीन छोटे दलों और निर्दलीयों के पास है जिन्होंने 11 सीटें जीत ली है। इनमें से चार-चार सीटें नगा पीपुल्स फ्रंट(एनपीएफ) और नेशनलिस्ट पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने जबकि एक-एक सीटें तृणमूल कांग्रेस, लोक जनशक्ति पार्टी और निर्दलीय ने जीती है।
आलोचक डा. धर्मवीर का निधन

आलोचक डा. धर्मवीर का निधन

दलित चिंतक एवं आलोचक डा. धर्मवीर का निधन नौ मार्च को हो गया। इससे सरोकारी समाज चिंतक, साहित्यकारों में शोक की लहर रही। उनके चिंतन, लेखन और व्यक्तित्व से प्रभावित और दलित विमर्श से जुड़े अनेक लेखनजीवियों ने कल शाम दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान में शोकसभा का आयोजन कर उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की जाएगा।
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