पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता डॉ सीपी जोशी द्वारा दिए गए बयान को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब नाथद्वारा रिटर्निंग ऑफिसर ने जातिगत टिप्पणी को लेकर सीपी जोशो को नोटिस भेजा है और 25 नवम्बर तक जवाब देने के लिए कहा है। हालांकि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद जोशी ने खेद व्यक्त किया था।
भाजपा ने जोशी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत शुक्रवार को चुनाव आयोग से की थी। राजस्थान भाजपा चुनाव प्रकोष्ठ के संयोजक नाहर सिंह माहेश्वरी के अनुसार,जोशी की टिप्पणियों से सामाजिक विद्वेष व वैमनस्यता फैलने का डर है। इसके लिए आयोग से कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने जोशी से जवाब मांगा है।
आलाकमान के निर्देश पर जताया था खेद
सीपी जोशी खुद नाथद्वारा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने राजसमंद के खमनोर के सेमा गांव में जनसंपर्क के दौरान अपने बयान में प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी, साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती को जातिगत टिप्पणी की थी। हालांकि जोशी के बयान को लेकर कांग्रेस आलाकमान से मिले निर्देशों के बाद उन्होंने अपने बयान के लिए खेद व्यक्त किया था।
भाजपा ने जताई थी नाराजगी
इससे पहले जोशी के बयान पर भाजपा ने नाराजगी जाहिर करते हुए आपत्ति जताई थी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा कि सीपी जोशी का बयान हैरान करने वाला है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी जोशी के बयान नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि इस तरह के बयान जो दूसरे व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाए वो कांग्रेस के सिद्धांतों के खिलाफ है। मुझे उम्मीद है कि वो अपनी गलती मानेंगे और खेद प्रकट करेंगे।
इसके बाद सीपी जोशी ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि भाजपा ने मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया है। मैं इसकी बहुत निंदा करता हूं।