मासूम जैसी फिल्म से चर्चा में आए कलाकार इंदर कुमार की 44 साल की अल्पायु में हार्ट अटैक से मौत हो गई है। आपको उनका चेहरा वांटेड, खिलाड़ियों का खिलाड़ी जैसी फिल्मों में याद होगा। टीवी पर भी इंदर कुमार एकता कपूर के लोकप्रिय सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में मिहिर वीरानी के किरदार में दिखे थे।
बॉलीवुड में पिछले कुछ समय से लीक से हटकर फिल्में बनाने का दौर चल रहा है। यूं तो बॉलीवुड में हमेशा से जब-तब अलग तरह के विषयों पर फिल्में बनती रहीं हैं। पहले इन फिल्मों को दर्शक वर्ग न होने का बहाना बनाकर खारिज कर दिया जाता था। पर अब पिछले कुछ समय मे सोशल मीडिया के कारण हर मुद्दे के बारे में लोग की समझ बढ़ी है।
अगर किसी फिल्म में इरफान हों तो कहानी का टेंशन लेने की जरूरत नहीं होती। फिल्म में कुछ नहीं भी होगा तो इरफान इतने सटीक ढंग से होंगे कि उन्हीं के सहारे ढाई-तीन घंटे का वक्त कट जाएगा। तो इस फिल्म में भी बिलकुल परफेक्ट टाइमिंग के साथ राज यानी कि इरफान मौजूद हैं।
कई चर्चित हिंदी फिल्मों में मां की भूमिका अदा करने वाली अभिनेत्री रीमा लागू अब नहीं रहीं हैं। फिल्मों में उनकी यादगार भूमिकाओं के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। खासकर मां की भूमिका में उन्हें दर्शक मिस करेंगे।
साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत ने करीब आठ साल के लंबे ब्रेक सके बाद आज अपने प्रंशसकों से मुलाकात की। प्रशंसकों से मुलाकात का यह सिलसिला आने वाले चार दिनों तक ऐसे ही जारी रहेगा। सुपरस्टार से मिलने के लिए सुबह से ही उनके घर पर लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई थी।
राजभाषा पर बनी संसदीय समिति की 9वीं रिपोर्ट की ज्यादातर सिफारिशें राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मान ली हैं। लेकिन इन सिफारिशों को जिस तरह प्रचारित किया जा रहा है, उससे हिंदी का भला कम, नुकसान ज्यादा हो सकता है। भाषाई वर्चस्व के जिन आरोपों से उबरने में हिंदी को कई दशक लगे, ऐसे खबरेें उन्हें फिर से जिंदा कर सकती हैं।
भारतीय हिन्दी फिल्म निर्माता और निर्देशक महेश और मुकेश भट्ट ने इस बार श्रीजीत मुखर्जी को उन्हीं की फिल्म 'राजकहिनी' हिंदी में बनाने की जिम्मेदारी दी थी, जो उन्होंने ‘बेगम जान’ बनाकर पूरी कर ली है। बांग्ला भाषा में बनी फिल्म ‘राजकाहिनी’ वर्ष 2015 में रिलीज हुई थी। हिंदी सिनेमा ने इससे पहले भी कई भारतीय भाषाओं की हिट फिल्मों का रिमेक किया है।