एक गरिमामय समारोह में डॉ. सुनीता जैन को उनकी कृति क्षमा के लिए 25वां व्यास सम्मान प्रदान किया गया। डॉ. जैन ने क्षमा के माध्यम से तुलसीदास-रत्नावली के संबंधों का मार्मिक वर्णन किया है।
फैशन करना तो सब चाहते हैं पर छोटी-छोटी गलतियां फैशनेबल लोगों की मुसीबत का सबब भी बन जाती हैं। कुछ बातें जो देख कर सीखी जाती हैं, उनमें भी सावधानी जरूरी है।
निर्देशक अभिषेक कपूर ने फितूर को बड़े विश्वास के साथ बनाया है। चार्ल्स डिकंस के ग्रेट एक्सपेक्टेशंस के लंदन को कश्मीर की पृष्ठभूमि में पिरोना और फिर उसे बॉलीवुड की यादगार प्रेम कहानी के रूप में प्रस्तुत करने का काम उन्होंने बखूबी किया है।
एक वक्त था जब रानी मुखर्जी और आदित्य चोपड़ा अपना इश्क स्वीकारने को तैयार नहीं थे। फिर बहुत दिनों बाद खबर आई कि शादी हो गई है। और अब ढोल ढमाके के साथ आदिरा बेबी के कारण फिर चर्चा है कि रानी मुखर्जी मम्मी और आदित्य चोपड़ा पापा हो गए हैं।
फैशनेबल रहना किसी भी महिला का अधिकार हो सकता है। नए चलन का कपड़ा पहनने का मन किसी भी महिला का हो सकता है। लेकिन इस चलन में कुछ बातों पर गौर करना भी जरूरी है।
गुलाम अली के संगीत समारोह को जबरन रद्द कराए जाने के मुद्दे पर राजनीतिक एवं सांस्कृतिक जगत के निशाने पर आई शिवसेना ने कहा है कि सैनिक शहीद हो रहे हों और यहां आनंद उठाया जाता रहे यह नहीं होगा।
फैशन का मतलब सिर्फ अच्छे या चलन में चल रहे कपड़े पहनना भर नहीं है। फैशन बहुत अलग ढंग से परिभाषित होता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि फैशन लड़कियों के लिए होता है। जनाब फैशन पुरुषों के लिए भी होता है। जे जे वलाया ने यही तो कर दिखाया है।