बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर दोहरी मार पड़ी। फरवरी में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है और मार्च में खुदरा महंगाई यानी रिटेल इंफ्लेशन में बढ़ोतरी हुई है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आय खुलासा योजना के तहत कालेधन की घोषणा करने वाले उन लोगों को किसी प्रकार की राहत देने से इनकार किया है जिन्होंने व्यक्तिगत समस्याओं या नकदी की कमी के कारण कर और जुर्माने की पहली किस्त निर्धारित समय सीमा में जमा नहीं की है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 500-1000 रुपये के पुराने नोट न लेने मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और आरबीआई से दो सप्ताेह के भीतर इस पर जवाब देने के लिए कहा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी।
सरकार ने विदेशों में जमा कालेधन समेत कर चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को सतत प्रक्रिया बताया है लेकिन 500 रूपये और 1000 रूपये के पुराने नोटों को अमान्य करने के निर्णय एवं बैठकों से जुड़ा ब्यौरा यह कहते हुए देने से इंकार किया है कि ऐसी सूचना जारी करने का देश के आर्थिक हितों पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
रिजर्व बैंक ने मुद्रस्फीति का जोखिम बढ़ने का खतरा देखते हुए लगातार दूसरी बार द्वैमासिक समीक्षा में अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.25 प्रतिशत पर यथावत रखा।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद केंद्र सरकार तीन तलाक प्रथा को हटाने के लिये बड़ा कदम उठा सकती है। प्रसाद ने गाजियाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महिलाओं की जिंदगी और सम्मान को चोट पहुंचाने वाली इस प्रथा को बंद किये जाने की जरुरत है।
नोटबंदी को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ हमला जारी रखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरी तरह से घमंडी बताया।
केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों के लिए बिना किसी अतिरिक्त खर्च के क्रेडिट या डेबिट कार्ड से ईंधन के भुगतान की सुविधा 13 जनवरी के बाद भी जारी रहेगी। सरकार का कहना है कि कार्ड से लेन-देन पर वाणिज्यिक-प्रतिष्ठान कटौती शुुल्क :एमडीआर: का बोझ कौन उठाए, इस पर बैंकों और तेल कंपनियों के बीच बातचीत चल रही है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) ग्रोथ के अनुमान के आंकड़े जारी कर दिए हैं। वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि वर्ष 2015-16 में यह 7.6 फीसदी पर थी। गौर हो कि पिछली क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई ने भी ग्रोथ की रफ्तार के अनुमान को 0.5 फीसदी घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया था। 7.1 फीसदी विकास दर का अनुमान पिछले 3 साल का निचला स्तर है।