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लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरी है पुरस्कार वापसी

लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरी है पुरस्कार वापसी

पिछले कुछ हफ्तों में लेखकों वैज्ञानिकों और कलाकारों के सम्मान लौटाने की बाढ़ देखी गई। पुरस्कार लौटाने के जरिये ये सम्मानित और पुरस्कृत लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए खड़े हुए हैं। बढ़ती असहिष्णुता और हमारे बहुलतावादी मूल्यों पर हो रहे हमलों पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए इन शिक्षाविदों, इतिहासकारों, कलाकारों और वैज्ञानिकों के कई बयान भी आए हैं। जिन्होंने अपना पुरस्कार लौटाया है वे सभी साहित्य, कला, फिल्म निर्माण और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों में से हैं। इस तरह सम्मान लौटाकर उन सभी लोगों ने सामाजिक स्तर पर हो रही घटनाओं पर अपने दिल का दर्द बयान किया है।
अवार्ड नहीं लौटाएंगे कमल हासन, बोले-शुरू से है असहिष्णुता

अवार्ड नहीं लौटाएंगे कमल हासन, बोले-शुरू से है असहिष्णुता

देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने के तरीके पर असहमति जताते हुए मशहूर अभिनेता कमल हासन ने कहा कि पुरस्कार वापस करना इस समस्या का कोई समाधान नहीं है क्योंकि ध्यान आकर्षित करने के और भी तरीके हैं।
असहिष्णुता के खिलाफ राष्ट्रपति से मिलीं सोनिया, कल होगा राष्ट्रपति भवन मार्च

असहिष्णुता के खिलाफ राष्ट्रपति से मिलीं सोनिया, कल होगा राष्ट्रपति भवन मार्च

बढ़ती असहिष्णुता और गलत नीतियों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। सोनिया ने राष्ट्रपति से सरकार को कड़े कदम उठाने की सलाह देने का आग्रह किया।
अशोक वाजपेयी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया

अशोक वाजपेयी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया

देश में लगातार बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाओं के विरोध में प्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल के बाद हिंदी के जाने-माने साहित्‍यकार अशोक वाजपेयी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। इससे पहले उदय प्रकाश भी कन्‍नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्‍या के विरोध में यह पुरस्‍कार लौटा चुके हैं।
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